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उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्या मामले में तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा

उत्तराखंड के पौड़ी जिले में अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में कोटद्वार की अदालत ने तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला उत्तराखंड में व्यापक जनाक्रोश का कारण बना था। अंकिता, जो एक रिसेप्शनिस्ट थीं, को 18 सितंबर 2022 को एक विवाद के बाद नहर में धकेल दिया गया था। इस घटना ने स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़काया और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। जानें इस मामले की पूरी कहानी और अदालती कार्यवाही के बारे में।
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उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्या मामले में तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा

कोटद्वार अदालत का फैसला

उत्तराखंड के पौड़ी जिले में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या के लगभग तीन साल बाद, कोटद्वार की अदालत ने शुक्रवार (30 मई) को तीन व्यक्तियों, पुलकित आर्या, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। जज रीना नेगी ने इस मामले में सजा का ऐलान किया। यह मामला उत्तराखंड में व्यापक जनाक्रोश का कारण बना था।
हत्या जिसने उत्तराखंड को झकझोर दिया


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अंकिता भंडारी पौड़ी जिले की निवासी थीं और ऋषिकेश के यमकेश्वर में वनांतर रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं। 18 सितंबर 2022 को रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्या और उनके दो सहयोगियों ने कथित तौर पर एक विवाद के बाद अंकिता को चिल्ला नहर में धकेल दिया। उनकी गुमशुदगी की सूचना लगभग एक सप्ताह तक नहीं मिली, जब तक कि 24 सितंबर 2022 को उनकी लाश नहर से बरामद नहीं हुई। इस घटना ने उत्तराखंड में जनता का गुस्सा भड़का दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और स्थानीय लोगों ने वनांतर रिसॉर्ट को आग के हवाले कर दिया।


रिसॉर्ट में उत्पीड़न के आरोप


पुलिस उपमहानिरीक्षक पी रेणुका देवी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) ने मामले की जांच शुरू की। जांच में रिसॉर्ट के भीतर की परेशान करने वाली सच्चाइयाँ सामने आईं। पूर्व कर्मचारियों ने बताया कि पुलकित आर्या और अंकित गुप्ता अक्सर महिलाओं को रिसॉर्ट में लाते थे और महिला कर्मचारियों के साथ मौखिक और शारीरिक दुर्व्यवहार करते थे। ये आरोप तब और गंभीर हो गए जब पता चला कि पुलकित पूर्व बीजेपी नेता विनोद आर्या के बेटे हैं, जिन्हें इस घटना के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।


अदालती कार्यवाही में सजा


30 जनवरी 2023 को कोटद्वार के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई। SIT ने 500 पृष्ठों की चार्जशीट दाखिल की थी। 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष ने साक्ष्य और गवाह पेश किए। दो साल और आठ महीने की सुनवाई में, SIT द्वारा लिस्टेड 97 गवाहों में से 47 की गवाही हुई। इन सबूतों से साबित हुआ कि अंकिता और पुलकित के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद उसे जबरन नहर में धकेला गया।


अदालत ने तीनों आरोपियों को IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाने), 120B (आपराधिक साजिश), और 354A (यौन उत्पीड़न) के साथ-साथ अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत दोषी ठहराया।


परिवार की भावुक अपील


इस दौरान अंकिता की मां, सोनी देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं चाहती हूं कि दोषियों को फाँसी की सजा दी जाए। मैं उत्तराखंड की जनता से अपील करती हूँ कि वे हमारा साथ दें और कोटद्वार अदालत में हमारा हौसला बढ़ाने आएं.”