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उत्तराखंड में आईटी सेक्टर के लिए नई नीति का आगाज

उत्तराखंड सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक नई नीति की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य आईटी आधारित व्यवसायों की स्थापना को बढ़ावा देना और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना है। सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने बताया कि नीति का प्रारंभिक मसौदा तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। राज्य का स्वच्छ वातावरण आईटी कंपनियों के लिए अनुकूल है, जिससे उत्तराखंड एक महत्वपूर्ण आईटी हब बन सकता है।
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उत्तराखंड सरकार की नई पहल

उत्तराखंड सरकार सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है। राज्य जल्द ही आईटी उद्योग नीति लागू करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य आईटी आधारित व्यवसायों की स्थापना और विकास को बढ़ावा देना है। इस नीति का मुख्य लक्ष्य नई कंपनियों को आकर्षित करना और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना है।

सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने इस योजना की पुष्टि की है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि नीति का प्रारंभिक मसौदा तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। इस नीति में यह प्रावधान किया गया है कि कंपनियों को जितना अधिक रोजगार सृजन होगा, उतनी ही अधिक रियायतें और सब्सिडी प्रदान की जाएंगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आईटी क्षेत्र से संबंधित सभी प्रक्रियाएं सरल और निवेशकों के अनुकूल हों।

उत्तराखंड का वातावरण आईटी सेक्टर के लिए अनुकूल

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों का स्वच्छ और शांत वातावरण सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए बेहद उपयुक्त है। राज्य में भारी उद्योग स्थापित करना चुनौतीपूर्ण है, जबकि आईटी क्षेत्र कम स्थान में भी प्रभावी ढंग से कार्य कर सकता है। यही कारण है कि राज्य में पहले से ही लगभग 100 छोटी और मध्यम आईटी कंपनियां कार्यरत हैं, जिनका वार्षिक कारोबार लगभग 500 करोड़ रुपये है।

हालांकि, अब तक कोई बड़ा आईटी समूह राज्य में नहीं आया है। लेकिन सरकार की इस नई नीति के लागू होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि बड़े आईटी समूह उत्तराखंड की ओर आकर्षित होंगे और उनके साथ अन्य कंपनियां भी यहां निवेश करेंगी। इससे उत्तर भारत में उत्तराखंड एक महत्वपूर्ण आईटी हब के रूप में उभर सकता है।