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उत्तराखंड में जिला पंचायत सदस्यों की गुमशुदगी का रहस्य सुलझा

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत चुनाव के दौरान गायब हुए पांच सदस्यों ने अब सामने आकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि उनका अपहरण नहीं हुआ, बल्कि वे एक निजी यात्रा पर थे। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया था, लेकिन अब स्थिति सामान्य होती दिख रही है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और सदस्यों के बयान के बारे में।
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राजनीतिक ड्रामा का नया मोड़

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत चुनाव के दौरान शुरू हुआ राजनीतिक विवाद अब एक नया मोड़ ले चुका है। जिन पांच जिला पंचायत सदस्यों के लापता होने की खबरें आई थीं, उन्होंने अब सामने आकर सभी चर्चाओं को समाप्त कर दिया है।


गायब हुए सदस्यों ने कहा कि उनका अपहरण नहीं हुआ, बल्कि वे एक निजी यात्रा पर थे। शुक्रवार शाम को एक वीडियो में ये सभी सदस्य एक साथ नजर आए, जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।


सदस्यों ने मीडिया में चल रही खबरों को गलतफहमी बताया और परिजनों से चिंता न करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि उनके शपथपत्र कोर्ट में दाखिल हो चुके हैं, जिससे उनके दावों को वैधानिक समर्थन मिला है।


इन सदस्यों में दीगर मेवाड़ी, विपिन जंतवाल, दीपक बिष्ट, तरुण शर्मा और प्रमोद कोटलिया शामिल हैं, जो कांग्रेस के समर्थक माने जाते हैं।


कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इन सदस्यों को बीजेपी के नेताओं ने जबरन उठाया था, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया था।


हालांकि, वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है और अब मामला अपहरण से हटकर सामान्य स्थिति में लौटता दिख रहा है।