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उत्तराखंड में पेपर लीक मामले पर सीबीआई जांच की सिफारिश, आंदोलनकारियों ने स्थगित किया प्रदर्शन

उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी परीक्षा के पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। धरना दे रहे युवाओं ने 10 अक्टूबर तक अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने छात्रों की मेहनत को समझते हुए उनकी मांगों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया। इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जारी हैं। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो आंदोलन फिर से तेज किया जाएगा।
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उत्तराखंड में पेपर लीक मामले पर सीबीआई जांच की सिफारिश, आंदोलनकारियों ने स्थगित किया प्रदर्शन

मुख्यमंत्री का धरना स्थल पर दौरा

परेड ग्राउंड, देहरादून में पिछले आठ दिनों से युवा और अभ्यर्थी धरने पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि 21 सितंबर को आयोजित यूकेएसएसएससी परीक्षा में कथित पेपर लीक की जांच सीबीआई द्वारा कराई जाए। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धरना स्थल पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि सीबीआई जांच की सिफारिश की जाएगी और छात्रों पर दर्ज मामले हटाए जाएंगे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने 10 अक्टूबर तक अपना विरोध स्थगित करने का निर्णय लिया।


भावुक माहौल में मुख्यमंत्री का आश्वासन

जब मुख्यमंत्री धामी परेड ग्राउंड पहुंचे, तो माहौल भावुक हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार जानती है कि नौकरी की तैयारी करने वाले युवा कितनी मेहनत करते हैं। पेपर लीक की जांच पहले से ही एसआईटी द्वारा की जा रही है, जिसकी निगरानी हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज कर रहे हैं। लेकिन चूंकि युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इसलिए सरकार इसमें कोई बाधा नहीं डालेगी और सीबीआई को जांच सौंपने की सिफारिश की जाएगी।


पेपर लीक का विवाद

यह मामला तब बढ़ा जब उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने दावा किया कि परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद ही प्रश्नपत्र लीक हो गया था। जांच में यह सामने आया कि एक अभ्यर्थी खालिद मलिक ने पेपर अपनी बहन सबिया को भेजा, जिसने इसे एक कॉलेज प्रोफेसर को हल करने के लिए दिया। प्रोफेसर ने बाद में इसे सार्वजनिक कर दिया। अब तक खालिद और सबिया गिरफ्तार हो चुके हैं। इस बीच, पेपर लीक से जुड़े एक अन्य आरोपी पूर्व भाजपा नेता हाकम सिंह को भी हाल ही में गिरफ्तार किया गया है, जिस पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेने का आरोप है।


राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। मुख्यमंत्री धामी ने आंदोलन के दौरान 'नकल जिहाद' शब्द का इस्तेमाल कर सख्त रुख दिखाया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग छात्रों की आड़ में राजनीति कर रहे हैं और असंवैधानिक नारे लगा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पहले भी सीबीआई जांच की सिफारिशें हुईं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। कांग्रेस ने 3 अक्टूबर को सीएम आवास तक मार्च निकालने का ऐलान किया है।


10 अक्टूबर तक का समय

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के त्रिभुवन चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ समय मांगा है, इसलिए आंदोलनकारी 10 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे। यदि तब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन फिर से तेज किया जाएगा। इस बीच, पूरे राज्य में चल रहे विरोध-प्रदर्शन भी स्थगित कर दिए गए हैं।