उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण स्कूलों की छुट्टी, बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता

उत्तराखंड में बारिश का कहर: स्कूल बंद
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते स्कूलों की छुट्टी: बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले: उत्तराखंड में मौसम ने विकराल रूप धारण कर लिया है। देहरादून से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों तक, बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रेड अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि भारी बारिश और तेज हवाएं लोगों के लिए खतरा बन सकती हैं।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने त्वरित कदम उठाते हुए आज, 30 जून 2025 को, कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी, निजी और गैर-सरकारी स्कूलों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा, “बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।” यदि आप उत्तराखंड में हैं, तो इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें ताकि कोई भी बच्चा घर से बाहर न निकले।
स्कूल बंद करने का निर्णय: कारण
भारी बारिश का प्रभाव केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं है। मौसम विभाग ने पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों के उफान की चेतावनी दी है। सड़कों पर कीचड़ जमा हो चुका है, और कई स्थानों पर पेड़ गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। ऐसे में स्कूल बसों या पैदल स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए खतरा बढ़ गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए यह कदम आवश्यक था। साथ ही, माता-पिता से अनुरोध किया गया है कि वे बच्चों को बाहर न जाने दें और मौसम की ताजा जानकारी के लिए रेडियो या समाचार चैनलों से जुड़े रहें।
हिमाचल और केरल में भी बारिश का प्रभाव
हिमाचल और केरल में भी बारिश का कहर
उत्तराखंड अकेला नहीं है जो इस मौसमी संकट का सामना कर रहा है। हिमाचल प्रदेश में चार जिलों में रेड अलर्ट के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं। वहीं, केरल में 27 जून को भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी के बाद आठ जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई थी। यह स्थिति दर्शाती है कि देश के कई हिस्सों में मानसून इस बार अधिक सक्रिय है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है।
सावधानी बरतें: क्या करें, क्या न करें
क्या करें, क्या न करें?
इस मौसम में सावधानी सबसे बड़ा उपाय है। यदि आप उत्तराखंड, हिमाचल, या केरल में हैं, तो घर से बाहर निकलने से पहले मौसम की ताजा जानकारी अवश्य लें। बच्चों को स्कूल भेजने में जल्दबाजी न करें। यदि आप निचले इलाकों में रहते हैं, तो बाढ़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सामान तैयार रखें। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की सलाह को गंभीरता से लें। आखिरकार, जान है तो जहान है!