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उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में प्रशासन की सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी खालिद की दुकान को ध्वस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोषियों को सख्त सजा देने का आश्वासन दिया है। इस कार्रवाई ने स्थानीय निवासियों का ध्यान आकर्षित किया है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी के खिलाफ एक सख्त संदेश मानते हैं। रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को जांच की निगरानी का कार्य सौंपा गया है, जिससे युवाओं का विश्वास बहाल करने की कोशिश की जा रही है।
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उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में प्रशासन की सख्त कार्रवाई

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला

यूकेएसएसएससी पेपर लीक: उत्तराखंड सरकार ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में सख्त कदम उठाते हुए लक्सर के सुल्तानपुर में मुख्य आरोपी खालिद की दुकान को ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा घोटाले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी के बाद की गई है।


मुख्य आरोपी की दुकान का ध्वस्तीकरण

गुरुवार को, प्रशासन ने लक्सर के सुल्तानपुर में खालिद की दुकान को ध्वस्त कर दिया। यह कदम राज्य सरकार की नीति के तहत उठाया गया है, जिसमें घोटाले में शामिल लोगों के प्रति कोई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


दोषियों को मिलेगी कड़ी सजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही आश्वासन दिया था कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को कड़ी सजा दी जाएगी। उनके निर्देशों के अनुसार, जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ ध्वस्तीकरण अभियान चलाया। एसपी देहात शेखर सुयाल इस कार्रवाई की निगरानी के लिए मौके पर मौजूद थे।


प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी के खिलाफ सख्त संदेश

इस कार्रवाई ने स्थानीय निवासियों का ध्यान आकर्षित किया, जो बड़ी संख्या में इस ध्वस्तीकरण को देखने के लिए एकत्रित हुए। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी के खिलाफ एक सख्त संदेश देने के लिए आवश्यक था, जिसने हाल के वर्षों में जनता का विश्वास हिला दिया है।


न्यायिक निगरानी की शुरुआत

उत्तराखंड में स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक का मामला बढ़ता जा रहा है। सरकार ने इसकी जांच को पारदर्शी बनाने के लिए रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को जिम्मेदारी सौंपी है। यह कदम न केवल जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा, बल्कि युवाओं के विश्वास को भी बहाल करने का प्रयास है। देहरादून के परेड ग्राउंड पर प्रदर्शनकारी तीसरे दिन भी डटे रहे, जो इस घोटाले को उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के भविष्य पर हमला मानते हैं।


एसआईटी की निगरानी

रिटायर्ड जज बीएस वर्मा को एसआईटी की जांच की निगरानी का कार्य सौंपा गया है। वे जिलों का दौरा करेंगे, शिकायतों की समीक्षा करेंगे और जांच को सही दिशा देंगे। सरकार का यह निर्णय प्रदर्शनकारियों के दबाव और जांच में विश्वसनीयता की मांग के बाद लिया गया है। एसआईटी की कमान देहरादून की ग्रामीण पुलिस अधीक्षक जया बलूनी के पास है, जो 24 सितंबर को गठित इस दल का नेतृत्व कर रही हैं।