उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़े को शादी के लिए दी सुरक्षा

अनोखा मामला: प्रेमी जोड़े की शादी के लिए हाईकोर्ट का आदेश
नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें अदालत ने एक प्रेमी जोड़े को न केवल मिलाया, बल्कि उनकी शादी के लिए पुलिस सुरक्षा भी सुनिश्चित की। उधमसिंह नगर के एक युवक ने अपनी प्रेमिका को उसके परिवार द्वारा 'नजरबंदी' से मुक्त कराने के लिए याचिका दायर की थी, जिसके बाद यह अनोखा निर्णय लिया गया।
युवक ने अदालत में आरोप लगाया कि उसकी प्रेमिका को हरियाणा के यमुनानगर में उसके परिजनों ने कैद कर रखा है और उनकी शादी में बाधा डाल रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने युवती और उसके परिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान, जब अदालत ने युवती से पूछा कि क्या वह अपने प्रेमी से शादी करना चाहती है, तो उसने बिना किसी संकोच के हां कहा। युवती ने बताया कि वह और उसका प्रेमी पिछले 10 वर्षों से एक-दूसरे को जानते हैं और उसे अपने प्रेमी पर पूरा विश्वास है।
युवती ने यह भी कहा कि पहले उसके परिवार को इस रिश्ते पर आपत्ति थी, लेकिन अब वे भी उनकी शादी के लिए सहमत हो गए हैं। जब अदालत ने उसकी मां से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “पहले हमें ऐतराज था, लेकिन अब नहीं। हमारी बेटी खुश है, और हम उसके साथ हैं।”
दोनों पक्षों की सहमति और उनकी भावनाओं को सुनने के बाद, उच्च न्यायालय ने प्रेमी युगल की शादी का मार्ग प्रशस्त कर दिया। अदालत ने यमुनानगर पुलिस को निर्देश दिया कि शादी से एक दिन पहले युवक और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए, और यह सुनिश्चित किया जाए कि शादी के दौरान कोई व्यवधान न आए। इस निर्णय के बाद, अब दोनों परिवारों की उपस्थिति में यह शादी संपन्न होगी।