उदयपुर डबल मर्डर केस: जघन्य अपराध का न्याय
उदयपुर में भयानक डबल मर्डर
उदयपुर : हाल के वर्षों में भारत में हुए सबसे भयावह अपराधों में से एक, उदयपुर का फेविक्विक डबल मर्डर केस, राजस्थान में अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है। यह दिल दहला देने वाली घटना नवंबर 2022 में उदयपुर के गोगुंदा पुलिस थाना क्षेत्र में घटित हुई, जहां एक सरकारी स्कूल के शिक्षक राहुल और सोनू नाम की महिला की नग्न लाशें जंगल में पाई गईं। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था।
इस मामले में शामिल क्रूरता ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया। पुलिस ने तांत्रिक भालेश को गिरफ्तार किया, जो सोनू कंवर के साथ पिछले पांच वर्षों से संबंध में था। जांच के दौरान पता चला कि जब सोनू ने राहुल से संपर्क किया, तब भालेश ने दोनों को खत्म करने की योजना बनाई। उसने सुलह के बहाने उन्हें जंगल में बुलाया और शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाया।
हत्या का भयानक तरीका
फेविक्विक से चिपकाया कपल का शरीर
हत्या का तरीका बेहद चौंकाने वाला था। जब दोनों शारीरिक संबंध बना रहे थे, भालेश ने फेविक्विक का एक कंटेनर निकाला और उसे उनके शरीर पर डाल दिया, जिससे वे एक-दूसरे से चिपक गए। इस क्रूरता के बाद, उसने चाकू और पत्थरों से उन पर हमला किया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस अपराध की योजना और क्रूरता ने जांचकर्ताओं और आम जनता को हैरान कर दिया।
कोर्ट का फैसला
मामले की सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा?
पुलिस ने भालेश को भागने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया, जिससे न्याय में कोई देरी नहीं हुई। मामले की सुनवाई तेजी से हुई और अप्रैल 2025 में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। पीठासीन न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे जघन्य कृत्यों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भालेश को उम्रकैद की सजा और चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
समाज को संदेश
अंधविश्वास और काला जादू
इस फैसले ने न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाया, बल्कि समाज को भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि अंधविश्वास, काला जादू या व्यक्तिगत जुनून के नाम पर किए गए अपराधों को सख्ती से निपटा जाएगा। इस मामले ने खतरनाक लोगों के खिलाफ सतर्कता के महत्व को उजागर किया और कानूनी प्रणाली की क्षमता में जनता के विश्वास को मजबूत किया।
