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उधम सिंह की शायरी: शहीद की वीरता और देशभक्ति का जश्न

उधम सिंह की शायरी में उनकी वीरता और देशभक्ति का अद्भुत चित्रण किया गया है। यह लेख उनके बलिदान और जलियांवाला बाग हत्याकांड के प्रतिशोध की कहानी को बयां करता है। जानिए कैसे उधम सिंह ने अपने जीवन को मातृभूमि के लिए समर्पित किया और कैसे उनकी शायरी आज भी युवाओं को प्रेरित करती है।
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उधम सिंह की शायरी: शहीद की वीरता और देशभक्ति का जश्न

उधम सिंह की शायरी

जब भी भारत की स्वतंत्रता की चर्चा होती है, शहीद उधम सिंह का नाम गर्व से लिया जाता है। उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड का प्रतिशोध लेकर ब्रिटिश शासन को हिला दिया था।


उनकी शहादत और देशभक्ति आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। ऐसे महान क्रांतिकारी के लिए लिखी गई शायरी केवल शब्द नहीं, बल्कि देशभक्ति का एक गहरा एहसास है।


उधम सिंह की शायरी

हिम्मत और जुनून से कुछ भी असंभव नहीं,
विदेशी धरती पर जाकर भी वो वीर नहीं डरा,
डायर को दो गोलियां मारकर भी
वीर उधम सिंह का मन नहीं भरा।


एक देशभक्त के दिल में जल रही थी
ज्वालमुखी सी भयानक आग,
मौत का मंजर देखा था
जलियांवाला बाग में,
वीरों के बलिदानों को उसने देखा,
इसलिए उसने पूरी ताकत झोंक दी
लंदन में जाकर डायर के
सीने में गोली ठोक दी।


उधम सिंह के विचार

कौन डायर को,
जब शासन ही हत्यारा था,
पर उस कायर डायर को
वीर उधम सिंह ने
लंदन में जाकर मारा।


जीवन में अनाथ होकर भी,
उन्होंने मातृभूमि के लिए हर फर्ज निभाया।


हमारे दिलों में उधम सिंह आज भी जीवित हैं,
देश के कुछ गद्दारों को देखकर शर्मिंदा हैं।


उधम सिंह की शहादत

देशभक्त, भारत माँ का लाल उधम सिंह,
वीर, साहसी, प्रतापी और सिंह।


13 मार्च 1940 को लंदन के कैक्सटन हॉल में, उधम सिंह ने अंग्रेज़ अधिकारी माइकल ओ’डायर को गोली मारकर भारतवासियों का बदला लिया। यह वही ओ’डायर था, जिसने जलियांवाला बाग नरसंहार का आदेश दिया था। उधम सिंह ने 21 साल तक उस पल का इंतज़ार किया और फिर इतिहास रच दिया।


उधम सिंह पर शायरी

देशभक्ति के जज़्बे को बयां करने के लिए उधम सिंह की शहादत पर कई शायरों ने अपनी कलम चलाई है। इन शायरी में दर्द, आग और गर्व का मिश्रण है। पढ़िए वो शायरी जो दिल को झकझोर देती है।


जिस लहू से इंकलाब की ज़मीन सनी थी,
उसी लहू से उधम ने दुश्मन की कमर तोड़ी थी।


ना झुके थे, ना डरे थे, मौत को भी गले लगाया था,
वो उधम सिंह ही था, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को झुकाया था।


उधम सिंह के विचार

उधम सिंह ने दिखला दी
अपनी वीरता फिरंगी माटी में,
ठाय, ठाय, ठाय गोलियां मारी
वीर सिंह ने डायर की छाती में।


भारत की माटी का मान रखने के लिए,
खुद से की प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए,
जिसने अपने प्राणों की आहुति दे दी,
ऐसे शहीद उधम सिंह को शत-शत नमन।


आज की पीढ़ी को देश के सच्चे नायकों से जोड़ने का सबसे असरदार जरिया है शायरी। यह न केवल भावना जगाती है, बल्कि इतिहास को याद रखने की एक संवेदनशील कोशिश भी है। उधम सिंह पर लिखी गई शायरी हर भारतीय को उनके बलिदान की याद दिलाती है।