उन्नाव में कुत्ते की हत्या: मानवता को शर्मसार करने वाली घटना

उन्नाव में कुत्ते की हत्या की घटना
उन्नाव में कुत्ते की हत्या: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। वसीरतगंज गांव में एक आवारा कुत्ते को बेरहमी से मारने का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें कुत्ते के प्रति की गई क्रूरता स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। वीडियो के वायरल होने के बाद एक स्वयंसेवी संगठन ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब वीरेंद्र कुमार का बेटा घर के बाहर खेल रहा था। अचानक एक आवारा कुत्ते ने बच्चे को काट लिया और उसे दौड़ाने लगा। बच्चे की चीख सुनकर पिता वीरेंद्र गुस्से में आ गए और उन्होंने लाठी-डंडे उठाकर कुत्ते पर हमला कर दिया। गुस्से में बेकाबू वीरेंद्र ने कुत्ते को तब तक पीटा जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
🚨 उन्नाव में क्रूरता 🚨
— Punita K Sharma (@PunitaS44575106) September 1, 2025
एक बेबस कुत्ते को निर्दयता से मार दिया गया, केवल इसलिए कि उसने एक बच्चे को काट लिया। चिकित्सा उपचार और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के बजाय, व्यक्ति ने मानवता के खिलाफ क्रूरता का चयन किया।@Uppolice @unnaopolice @dgpup @Manekagandhibjp @Uppolice_dg @ABCPMO @voiceless. 🐾 pic.twitter.com/pGY8yGNJLD
क्रूरता की सीमाएं पार
जानकारी के अनुसार, वीरेंद्र ने कुत्ते को इतनी बुरी तरह से पीटा कि उसका जबड़ा तक चीर गया। वीडियो में कुत्ते की कराह सुनकर हर कोई सिहर उठा। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चे को बचाने के लिए कुत्ते को भगाया जा सकता था, लेकिन इतनी क्रूरता दिखाना अमानवीय है। यह घटना अब गांव में चर्चा का विषय बन गई है, जहां लोग इस पर विभिन्न राय रख रहे हैं।
ग्रामीणों में विभाजन
कई ग्रामीणों ने वीरेंद्र के इस कृत्य की निंदा की है। उनका कहना है, "जानवर को दूसरे तरीके से भी नियंत्रित किया जा सकता था। बच्चे को संकट में देखकर घबराना स्वाभाविक है, लेकिन इतना निर्दयी व्यवहार उचित नहीं है।" कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि "इतनी निर्ममता तो कसाई भी जानवरों पर नहीं करता।" वहीं, कुछ ग्रामीण वीरेंद्र के समर्थन में हैं। उनका तर्क है, "जब कोई जानवर बच्चे पर हमला करता है, तो माता-पिता के लिए अपनी संतान की रक्षा करना सबसे बड़ा धर्म होता है। ऐसी स्थिति में गुस्से में उठाया गया कदम असामान्य नहीं है।"