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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया तुरंत शुरू होनी है। भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के सदस्यों द्वारा किया जाता है। इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग को जल्द तिथि निर्धारित करनी होगी। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और क्या होता है जब उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होता है।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत

उपराष्ट्रपति का इस्तीफा

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे देश के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए चुनाव प्रक्रिया तुरंत शुरू करनी पड़ेगी। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की सूचना दी और इसके पीछे स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया।


संविधान की प्रावधान

संविधान क्या कहता है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के माध्यम से किया जाता है।


चुनाव की अनिवार्यता

जल्द चुनाव करना अनिवार्य

संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति के इस्तीफे, निधन या हटाए जाने की स्थिति में 'यथाशीघ्र' चुनाव कराना आवश्यक है। इसका मतलब है कि निर्वाचन आयोग को नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए जल्द ही तिथि निर्धारित करनी होगी।


पद की रिक्तता

उपराष्ट्रपति का पद रिक्त

हालांकि, संविधान यह स्पष्ट नहीं करता कि यदि उपराष्ट्रपति का पद कार्यकाल समाप्त होने से पहले रिक्त हो जाए, तो अंतरिम रूप से कार्यभार कौन संभालेगा। लेकिन चूंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, उनकी अनुपस्थिति में राज्यसभा का उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा नामित कोई अन्य सदस्य यह जिम्मेदारी निभा सकता है।


इस्तीफे की प्रक्रिया

पद रिक्त होने पर क्या होता है?

उपराष्ट्रपति अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को लिखित रूप में सौंपते हैं, और यह इस्तीफा स्वीकार होते ही प्रभावी हो जाता है। उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में, जब वे कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हों, तो उन्हें राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारियों और संबंधित वेतन-भत्तों से वंचित किया जाता है।


उपराष्ट्रपति का कार्यकाल

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल

यह ध्यान देने योग्य है कि उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद जो व्यक्ति चुना जाएगा, वह पूरे पांच साल के लिए कार्यभार संभालेगा, न कि केवल शेष कार्यकाल के लिए।


चुनाव प्रक्रिया

चुनाव कैसे होंगे?

उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें केवल संसद के सदस्य (लोकसभा और राज्यसभा दोनों) शामिल होते हैं। मनोनीत सदस्यों को भी इसमें मतदान का अधिकार होता है। यह चुनाव गुप्त मतपत्र से होता है और मतदाता को प्राथमिकता के अनुसार उम्मीदवारों को क्रम देना होता है।


मानसून सत्र की शुरुआत

मानसून सत्र की शुरूआत

धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। अब देखना होगा कि नया उपराष्ट्रपति कौन होगा और क्या वह भी उतने ही मुखर होंगे जितने धनखड़ रहे।