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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दिग्गज बॉब सिम्पसन का निधन: एक युग का अंत

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के पूर्व कप्तान और कोच बॉब सिम्पसन का 16 अगस्त को निधन हो गया। 89 वर्ष की आयु में उनका निधन क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है। सिम्पसन ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल कीं, जिसमें 311 रन की ऐतिहासिक पारी और 1987 का वनडे विश्व कप शामिल हैं। उनकी कोचिंग में ऑस्ट्रेलिया ने कई महत्वपूर्ण जीतें हासिल कीं। इस लेख में उनके जीवन और करियर की महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा की गई है।
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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दिग्गज बॉब सिम्पसन का निधन: एक युग का अंत

बॉब सिम्पसन का निधन

Bob Simpson Dies: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के पूर्व कप्तान और प्रसिद्ध कोच बॉब सिम्पसन का 16 अगस्त (शनिवार) को सिडनी में निधन हो गया। उनकी उम्र 89 वर्ष थी। एक खिलाड़ी, कप्तान और कोच के रूप में सिम्पसन ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को कठिन समय से निकालकर एक विश्वस्तरीय टीम में तब्दील कर दिया।


उत्कृष्ट बल्लेबाज और फील्डर

बॉब सिम्पसन का टेस्ट करियर अद्वितीय रहा। उन्होंने 62 टेस्ट मैचों में 46.81 की औसत से 4869 रन बनाए, जिसमें 10 शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी सबसे यादगार पारी 1964 में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ आई थी, जब उन्होंने 311 रन बनाए। यह पारी एशेज इतिहास की महानतम पारियों में से एक मानी जाती है। उन्होंने दो वनडे मैच भी खेले और 36 रन बनाए। बल्लेबाजी के अलावा, वे एक उत्कृष्ट स्लिप फील्डर और उपयोगी लेग स्पिनर भी थे। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 71 विकेट दर्ज हैं जबकि वनडे में उन्होंने 2 विकेट लिए।


कप्तानी में महत्वपूर्ण योगदान

सिम्पसन ने दिसंबर 1957 में जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और अप्रैल 1978 में जमैका में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना अंतिम टेस्ट खेला। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम की 39 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें 12 मैचों में जीत और 12 में हार का सामना किया। 15 टेस्ट ड्रॉ रहे। वनडे में उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने दो मैच खेले, जिसमें एक जीत और एक हार मिली। हालांकि उन्होंने 1968 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन कैरी पैकर की वर्ल्ड सीरीज के दौरान जब ऑस्ट्रेलियाई टीम संकट में थी, तब वे फिर से मैदान में लौटे और टीम की कप्तानी संभाली।


कोचिंग में नई दिशा

क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, बॉब सिम्पसन ने कोचिंग में कदम रखा और यहीं से उनकी नई यात्रा शुरू हुई। 1986 में उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया। उस समय टीम का मनोबल काफी गिरा हुआ था, लेकिन सिम्पसन ने खिलाड़ियों में नया आत्मविश्वास भरा। उनकी कोचिंग में, कप्तान एलन बॉर्डर के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया ने 1987 का वनडे विश्व कप जीता। इसके बाद 1989 में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज जीतकर टीम का आत्मविश्वास और मजबूत हुआ। 1995 में वेस्टइंडीज को उनकी धरती पर हराकर इतिहास रच दिया। सिम्पसन की कोचिंग में स्टीव वॉ, शेन वॉर्न और ग्लेन मैक्ग्रा जैसे दिग्गज खिलाड़ी उभरे, जिन्होंने बाद में ऑस्ट्रेलिया को लंबे समय तक विश्व क्रिकेट में प्रमुखता दिलाई।


सिम्पसन के सम्मान

बॉब सिम्पसन को उनके योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए। 1965 में उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर का खिताब मिला। इसके बाद उन्हें ICC हॉल ऑफ फेम और ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में भी स्थान दिया गया। उनका करियर केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने टीम को टूटने से बचाया और उसे सफलता की ओर अग्रसर किया।