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ओहायो की नई सॉलिसिटर जनरल मथुरा श्रीधरन: भारतीय पहचान के साथ सफलता की कहानी

भारतीय मूल की मथुरा श्रीधरन को ओहायो राज्य की सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया है। इस ऐतिहासिक नियुक्ति के साथ, मथुरा को नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है। जानें उनकी शिक्षा, पेशेवर यात्रा और अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट का समर्थन। यह कहानी अमेरिका में विविधता और पहचान के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देती है।
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ओहायो की नई सॉलिसिटर जनरल मथुरा श्रीधरन: भारतीय पहचान के साथ सफलता की कहानी

मथुरा श्रीधरन की ऐतिहासिक नियुक्ति

भारतीय मूल की मथुरा श्रीधरन को अमेरिका के ओहायो राज्य की सॉलिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है। यह महत्वपूर्ण घोषणा 31 जुलाई को राज्य के अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट द्वारा की गई। उन्होंने मथुरा की क्षमताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह राज्य की सेवा में उत्कृष्टता लाएंगी। हालांकि, इस पदोन्नति के साथ-साथ मथुरा को नस्लीय टिप्पणियों और भेदभाव का सामना भी करना पड़ा, जिसमें उनकी भारतीय पहचान और 'बिंदी' पर आपत्ति जताई गई।


मथुरा श्रीधरन का परिचय

मथुरा श्रीधरन पहले ओहायो के अटॉर्नी जनरल कार्यालय में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्यरत थीं। अब उन्हें राज्य की 12वीं सॉलिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पहले, उन्होंने ओहायो के टेन्थ अमेंडमेंट सेंटर की निदेशक के रूप में संघीय नीतियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और राज्य के अधिकारों की रक्षा की।


शिक्षा और पेशेवर यात्रा

मथुरा ने अपनी शिक्षा अमेरिका के प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से प्राप्त की, जहां उन्होंने 2008 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और इकॉनॉमिक्स में स्नातक और परास्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने 2015 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में दाखिला लिया और 2018 में वकालत की पढ़ाई पूरी की। वकालत में कदम रखने के बाद, उन्होंने अमेरिका की दूसरी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स के जज स्टीवन जे मेनाशी और साउदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क की जज डेबराह ए. बैट्स के अधीन क्लर्कशिप भी की।


नस्लीय टिप्पणियों के बीच समर्थन

ओहायो के अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट ने मथुरा की नियुक्ति की घोषणा करते हुए X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि मथुरा बहुत प्रतिभाशाली हैं और उन्होंने पिछले साल SCOTUS में अपनी बहस जीती थी। उन्होंने यह भी कहा कि मथुरा की भारतीय पहचान और बिंदी पहनने को लेकर कुछ यूजर्स ने नस्लीय टिप्पणियां कीं।


मथुरा की सफलता और आलोचना का जवाब

यह घटना केवल मथुरा की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह अमेरिका जैसे विविधता वाले देश में नस्लभेद और पहचान से जुड़े सवालों पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देती है। मथुरा का 'बिंदी' पहनना उनकी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है, जिस पर उठे सवालों पर AG का स्पष्ट और सार्वजनिक समर्थन एक सकारात्मक संदेश देता है।