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करण जौहर को मिली बड़ी कानूनी जीत, पर्सनैलिटी राइट्स का हुआ संरक्षण

बॉलीवुड के मशहूर निर्माता करण जौहर ने पर्सनैलिटी राइट्स के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। अब उनके नाम, आवाज या तस्वीर का बिना अनुमति उपयोग नहीं किया जा सकेगा। यह मामला कई मुद्दों को लेकर अदालत में लाया गया था, जिसमें उनके नाम का दुरुपयोग और फर्जी प्रोफाइल शामिल थे। जौहर की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उनके पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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करण जौहर को मिली बड़ी कानूनी जीत, पर्सनैलिटी राइट्स का हुआ संरक्षण

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला

नई दिल्ली: बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता करण जौहर ने पर्सनैलिटी राइट्स (व्यक्तित्व अधिकार) के मामले में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। अब उनके नाम, आवाज या तस्वीर का बिना अनुमति उपयोग नहीं किया जा सकेगा।


करण जौहर ने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके पक्ष में एक अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की।


यह मामला पहली बार 15 सितंबर को अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा ने करण जौहर द्वारा उठाए गए कई मुद्दों पर सुनवाई की। इनमें उनके नाम और तस्वीर का उपयोग करके सामान बेचना, फर्जी प्रोफाइल बनाना, डोमेन नाम का दुरुपयोग और अश्लील सामग्री का प्रसार शामिल था। जौहर ने कुछ वेबसाइटों और प्लेटफार्मों को उनकी तस्वीरों वाले मग और टी-शर्ट जैसे सामान को अवैध रूप से बेचने से रोकने की मांग की थी।


याचिका में करण जौहर के वकील ने यह भी बताया कि कई संस्थाएं उनकी सहमति के बिना उनके नाम, फोटो और आवाज का आर्थिक लाभ के लिए उपयोग कर रही हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने इस बात की पुष्टि की।


वहीं, मेटा प्लेटफार्म्स के वकील ने तर्क दिया कि कई टिप्पणियां मानहानिकारक नहीं हैं। उन्होंने कहा, "ये आम लोग हैं जो टिप्पणियां कर रहे हैं और इनमें से अधिकांश व्यंग्य और चुटकुले हैं।" वकील ने अदालत को बताया कि यदि पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है, तो कई मामले दर्ज होने लगेंगे।


इससे पहले, ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन को भी पर्सनैलिटी राइट्स के मामले में राहत मिली थी। अदालत ने उनकी तस्वीरों और आवाज का बिना अनुमति उपयोग करने पर रोक लगाई थी और कहा था कि इन अभिनेताओं को भ्रामक या अपमानजनक तरीके से चित्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग करना गोपनीयता और गरिमा का उल्लंघन है।