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कर्नाटक में वोटर धोखाधड़ी पर SIT की जांच शुरू

कर्नाटक में आलंद वोटर धोखाधड़ी मामले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। SIT का नेतृत्व बीके सिंह करेंगे, जो पहले भी कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच कर चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि 5994 वोटरों को फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट से हटाने का प्रयास किया गया। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि SIT कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से इस मामले की जांच करती है।
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कर्नाटक में वोटर धोखाधड़ी पर SIT की जांच शुरू

वोटर धोखाधड़ी के आरोप

वोटर धोखाधड़ी के आरोप: कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति में एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। आलंद वोटर धोखाधड़ी मामले के संदर्भ में सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए यह मुद्दा अब राष्ट्रीय राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गया है।


SIT की जिम्मेदारी

SIT का नेतृत्व क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी बीके सिंह करेंगे, जो पहले गौरी लंकेश और एम.एम. कलबुर्गी जैसे महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर चुके हैं। उनके अनुभव के चलते जनता को निष्पक्ष जांच की उम्मीद है।


जांच की शुरुआत

जांच की शुरुआत कब हुई?

यह जांच तब शुरू हुई जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले 5994 वोटरों को फर्जी फॉर्म-7 के माध्यम से वोटर लिस्ट से हटाने का प्रयास किया गया, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती है।


CID की भूमिका

CID द्वारा जांच

इससे पहले इस मामले की जांच CID द्वारा की जा रही थी, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा आवश्यक तकनीकी डेटा न मिलने के कारण यह जांच रुक गई थी। अब SIT में साइबर क्राइम और स्पेशल इनक्वायरी डिविजन के वरिष्ठ IPS अधिकारी सईदुलु अदावत और शुभनविता को शामिल किया गया है, जिससे जांच को तकनीकी मजबूती मिलेगी।


सरकारी आदेश

सरकारी आदेश के अनुसार, SIT को पुलिस स्टेशन स्तर पर सभी अधिकार दिए गए हैं और राज्य पुलिस प्रमुख को निर्देशित किया गया है कि आलंद वोटर धोखाधड़ी से संबंधित सभी FIR और मामले SIT को सौंपे जाएं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि इस जांच का उद्देश्य निर्दोषों को न्याय दिलाना और दोषियों को कानून के दायरे में लाना है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि SIT कितनी जल्दी और गहराई से इस बड़े घोटाले की परतें खोलेगी।