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कर्नाटक में सामूहिक दफन मामले में नया मोड़: SIT ने किया गहन जांच

कर्नाटक के धर्मस्थल में सामूहिक दफन मामले की जांच में एक नया मोड़ आया है। विशेष जांच दल (SIT) ने गुमनाम शिकायतकर्ता के साथ जंगल का दौरा किया, जिसने 'स्पॉट 11ए' की पहचान की, जहाँ नए कंकाल अवशेष मिले हैं। यह खोज जांच को एक नई दिशा दे सकती है। शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि उसे कई शवों को जबरन दफनाने के लिए मजबूर किया गया था, जिनमें महिलाओं और नाबालिगों के शव भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT का गठन किया है। यह मामला अब एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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कर्नाटक में सामूहिक दफन मामले में नया मोड़: SIT ने किया गहन जांच

धर्मस्थल में सामूहिक दफन की जांच में नया खुलासा

कर्नाटक के धर्मस्थल के निकट एक घने जंगल में चल रही सामूहिक दफन की जांच में बुधवार को एक नया और चौंकाने वाला मोड़ आया। विशेष जांच दल (SIT) ने उस गुमनाम शिकायतकर्ता के साथ फिर से जंगल का दौरा किया, जिसने इस मामले को उजागर किया था। यह मामला पिछले दो दशकों से इस पवित्र स्थल के आसपास सामूहिक हत्याओं और गुप्त दफन के गंभीर आरोपों से जुड़ा हुआ है।


शिकायतकर्ता ने एक नया 'राज' खोला है: 'स्पॉट 11ए' पर मिले कंकाल अवशेष, क्या यही है 'गुनाह' की नई जगह? सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता, जो पहले धर्मस्थल में एक स्वच्छता कर्मी के रूप में कार्यरत था, ने एसआईटी को जंगल में और गहराई तक ले जाकर एक नया महत्वपूर्ण स्थान 'स्पॉट 11ए' की ओर इशारा किया। यह स्थान उस जगह के निकट है जहाँ हाल ही में कुछ कंकाल अवशेष मिले थे। इस नई खोज ने जांच को एक नई दिशा दी है, जिससे इस मामले के कई अनसुलझे पहलू सामने आ सकते हैं।


जांच में तेजी: भारी मशीनरी और फॉरेंसिक टीमें 'रहस्यमय' जगह पर पहुंचीं, अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। 'स्पॉट 11ए' पर बड़े पैमाने पर काम शुरू हो गया है। भारी मशीनरी और श्रमिकों की एक बड़ी टीम को साइट पर तैनात किया गया है। फॉरेंसिक टीमें इस क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण करने की योजना बना रही हैं, ताकि घटनास्थल से मिले किसी भी छोटे साक्ष्य को सावधानीपूर्वक एकत्र किया जा सके। जांच की संवेदनशीलता को देखते हुए, एसआईटी अधिकारी नवीनतम घटनाक्रमों के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं।


पीड़ितों की 'आहें': क्या खुलेगा यौन उत्पीड़न और नाबालिगों की हत्या का 'दर्दनाक' सच? शिकायतकर्ता, जिसने 1995 और 2014 के बीच धर्मस्थल में काम करने का दावा किया है, ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने कहा कि उसे कई शवों को जबरन दफनाने के लिए मजबूर किया गया था, जिनमें महिलाओं और नाबालिगों के शव भी शामिल थे। उसने अपने सभी आरोपों को लेकर एक मजिस्ट्रेट के सामने विस्तृत बयान दर्ज कराया है, जो जांच को एक ठोस कानूनी आधार प्रदान करता है।


राज्य सरकार का 'बड़ा कदम': सामूहिक हत्या और यौन हिंसा के आरोपों पर बनी SIT। पिछले दो दशकों से इस क्षेत्र में सामूहिक हत्याओं, यौन हिंसा, और गुप्त दफन के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया था। यह SIT शिकायतकर्ता द्वारा प्रदान की गई जानकारियों के आधार पर जमीनी स्तर पर अभियान जारी रखे हुए है। इस व्यापक जांच का मुख्य उद्देश्य सत्य को सामने लाना और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना है। यह मामला अब एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।