कांवड़ यात्रा के लिए प्रशासन की तैयारियां, रूट डायवर्जन की योजना

प्रशासन की तैयारियां
कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। इस दौरान भक्तों की सुरक्षा और आस्था को ध्यान में रखते हुए कई विशेष रूटों को डायवर्ट करने का निर्णय लिया गया है। भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके लिए चार चरणों में टाइमटेबल तैयार किया गया है। यह रूट डायवर्जन योजना 11 जुलाई से 4 अगस्त तक लागू रहेगी। पहले चरण में 11 जुलाई सुबह 8 बजे से 14 जुलाई दोपहर तक (सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई) लागू होगा। दूसरे चरण में 18 से 23 जुलाई रात 8 बजे तक (सावन की शिवरात्रि 23 जुलाई) और तीसरे चरण में 25 से 28 जुलाई तक (सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई) रहेगा। अंतिम चरण 1 से 4 अगस्त तक चलेगा (सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त)। इस दौरान दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर डंपर, ट्रक, ट्रैक्टर-ट्राली, प्राइवेट बस और अन्य भारी वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
डायवर्जन के रूट
- रामपुर से शाहबाद- बिलारी- चंदौसी- बबराला- नरौरा- बुलंदशहर- दिल्ली
- मुरादाबाद से- संभल- बबराला- नरौरा- डिबाई- बुलंदशहर- गाजियाबाद- दिल्ली
- चांदपुर से- जलीलपुर- गंगा पुल- हस्तिनापुर- मवाना- मेरठ- दिल्ली
- संभल से- बहजोई- बबराला- नरौरा- बुलंदशहर- दिल्ली
- दिल्ली से आने वाले भारी वाहन दिल्ली से मुरादाबाद- गढ़मुक्तेश्वर से डायवर्जन
- दिल्ली से लखनऊ/बरेली: लालकुआं- दादरी- बुलंदशहर- डिबाई- ननौरा- बदायूं
भक्तों की यात्रा की सुरक्षा
इसके अलावा नूरपुर, फीना, नौगावां सादात जैसे रास्तों से अमरोहा से कोई भारी गाड़ी नहीं भेजी जाएगी। एसपी अमित कुमार आनंद के अनुसार, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, संभल, बदायूं और अमरोहा जैसे जिलों से लाखों भक्त हरिद्वार और ब्रजघाट से जल लेकर लौटते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान शिवालयों में हर सोमवार जलाभिषेक होता है।
शनिवार-रविवार को जल भरने की भीड़ के कारण ट्रैफिक पर असर पड़ता है। प्रशासन का उद्देश्य है कि भक्तों की यात्रा बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से हो सके। इसके लिए सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय हाईवे और सभी प्रमुख चौराहों पर पुलिस तैनात रहेगी। इसके साथ ही ड्रोन और सीसीटीवी के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यात्रा की हर समय रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि कांवड़ यात्रा के दिनों में वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें। यात्रियों और परिवहन कंपनियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे इन तिथियों के दौरान रूट योजना बनाकर यात्रा करें।