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काठगढ़ गांव में नाले की समस्या: अवैध निर्माण से बढ़ी मुसीबत

काठगढ़ गांव के निवासी हर बारिश में नाले के पानी से परेशान हैं, जो अवैध निर्माण के कारण उनके घरों में घुस जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और स्थानीय पार्षद की लापरवाही के चलते उनकी समस्याएं बढ़ रही हैं। कई परिवारों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो ग्रामीण आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं। प्रशासन ने जल्द ही स्थिति का जायजा लेने का आश्वासन दिया है।
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काठगढ़ गांव में नाले की समस्या: अवैध निर्माण से बढ़ी मुसीबत

काठगढ़ गांव में जलभराव की समस्या


चंडीगढ़ समाचार जीरकपुर। काठगढ़ गांव के निवासी इन दिनों गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। बारिश के मौसम में नाले का पानी उनके घरों में घुसने से उनका जीवन कठिन हो जाता है। हाल ही में हुई बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिससे कई परिवारों का सामान खराब हो गया और उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ।


स्थानीय लोगों का आरोप है कि नाले के पास अवैध निर्माण इस समस्या का मुख्य कारण है। उनका कहना है कि बिल्डरों ने नाले के ऊपर मकान बना दिए हैं, जिससे पानी का प्रवाह बाधित हो गया है। पहले नाला सीधे बहता था, लेकिन अब यह गांव की गलियों में घुसने लगा है।


प्रशासन की लापरवाही पर सवाल


गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि बारिश के दौरान लोग अपने सामान को ऊँचाई पर रख देते हैं और बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ता है। महिलाएं कहती हैं कि पानी भर जाने से घर का सामान्य जीवन प्रभावित होता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन और स्थानीय पार्षद को इस समस्या के बारे में बताया है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


एक महिला ने कहा, "बरसात का नाम सुनते ही हमारी नींद उड़ जाती है। हमें डर रहता है कि कब पानी घर में घुस आएगा।" युवाओं ने चेतावनी दी है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।


नाले की सफाई की आवश्यकता


ग्रामीणों ने मांग की है कि नाले की तुरंत सफाई की जाए और अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जाए। प्रशासन को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए ताकि हर बरसात में उन्हें इस तरह की मुसीबत का सामना न करना पड़े। काठगढ़ के लोग अब और सहनशीलता नहीं दिखा सकते।


अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी आवाज़ सुनी जाएगी। इस मुद्दे पर प्रशासन ने कहा है कि वे जल्द ही मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे।