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काठमांडू में विरोध प्रदर्शनों पर दो महीने का प्रतिबंध

नेपाली प्राधिकारियों ने काठमांडू के पांच संवेदनशील क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शनों पर दो महीने का प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के आसपास लागू होगा। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रतिबंध कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। पिछले महीने 'जेन-जेड' के विरोध प्रदर्शनों में हुई हिंसा के बाद यह निर्णय लिया गया है। जानें इस प्रतिबंध के पीछे के कारण और इसके प्रभाव।
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काठमांडू में विरोध प्रदर्शनों पर दो महीने का प्रतिबंध

काठमांडू में संवेदनशील क्षेत्रों में प्रतिबंध

नेपाली अधिकारियों ने शुक्रवार को काठमांडू के पांच संवेदनशील स्थानों पर विरोध प्रदर्शनों पर दो महीने के लिए रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह प्रतिबंध शनिवार से लागू होगा।


काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में बताया गया है कि राष्ट्रपति कार्यालय शीतल निवास, सिंहदरबार सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, लैंचौर में उपराष्ट्रपति आवास और नारायणहिती संग्रहालय के आसपास के क्षेत्रों में यह प्रतिबंध लगाया गया है।


इन सभी स्थानों पर विरोध प्रदर्शन, सभा, धरना, भूख हड़ताल और अन्य प्रकार के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है।


अधिसूचना में कहा गया है, 'इन संवेदनशील क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन, सभाएं और मार्च आयोजित करने से कानून-व्यवस्था की स्थिति में खतरा उत्पन्न हो सकता है और शांति भंग हो सकती है, साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने का भी जोखिम है।'


मुख्य जिला प्रशासन अधिकारी ईश्वर राज पौडेल द्वारा हस्ताक्षरित इस नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि नेपाल के संविधान के तहत अन्य स्थानों पर शांतिपूर्ण सभाओं और विरोध प्रदर्शनों की अनुमति है।


यह प्रतिबंध पिछले महीने 'जेन-जेड' के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के बाद लगाया गया है। 'जेन जेड' उस पीढ़ी को संदर्भित करता है जो 1997 से 2012 के बीच जन्मी है।