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कादर खान: एक कठिन बचपन से लेकर फिल्मी दुनिया तक का सफर

कादर खान, जो अपने अद्वितीय अभिनय के लिए जाने जाते हैं, का जीवन संघर्ष और कठिनाइयों से भरा रहा। एक गरीब परिवार में जन्मे, उन्होंने अपने बचपन में कई चुनौतियों का सामना किया। उनकी मां ने उन्हें अफगानिस्तान से मुंबई लाया, जहां उन्होंने अपने परिवार का सहारा बनने के लिए संघर्ष किया। कादर खान ने बाद में फिल्म उद्योग में अपनी पहचान बनाई और अपने संवादों से दर्शकों को प्रभावित किया। जानें उनके जीवन की इस प्रेरणादायक कहानी के बारे में।
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कादर खान: एक कठिन बचपन से लेकर फिल्मी दुनिया तक का सफर

कादर खान का अद्वितीय सफर

मुंबई: कादर खान, जो स्क्रीन पर कॉमेडी और गंभीर भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे, अपनी आंखों के अदायगी के लिए मशहूर थे। उनके चेहरे के भाव इतने प्रभावशाली होते थे कि संवाद बोलने की आवश्यकता नहीं होती थी। लेकिन जब वे बोलते थे, तो उनके किरदार जीवंत हो उठते थे। आज इस महान अभिनेता की पुण्यतिथि है, और इस अवसर पर हम उनके कठिन और दर्दनाक बचपन के बारे में चर्चा करेंगे।


कादर खान ने 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और 250 से ज्यादा फिल्मों के लिए संवाद लिखे। वे एक गरीब परिवार से थे, जिन्हें यह नहीं पता था कि सुबह का खाना खाने के बाद शाम का खाना मिलेगा या नहीं। कादर खान का परिवार अफगानिस्तान में रहता था, लेकिन उनके जन्म के बाद वे मुंबई आ गए। दरअसल, कादर खान से पहले उनके तीन भाई थे, जिनकी मृत्यु 8 साल की उम्र में हो गई थी। इसके बाद, उनकी मां को डर था कि कहीं वे भी अपने बेटे को न खो दें, इसलिए उन्होंने उन्हें मुंबई ले जाने का निर्णय लिया।


एक साक्षात्कार में, कादर खान ने बताया कि जब वे एक साल के थे, तब उनकी मां उन्हें कामाठीपुरा लेकर आईं। उन्होंने कहा कि उनका बचपन बहुत कठिन था, जहां एक ओर वैश्यावृत्ति थी और दूसरी ओर शराब की दुकानें थीं। उनके माता-पिता के लिए शहर में रहकर कमाना मुश्किल हो रहा था, जिसके कारण उनके माता-पिता का तलाक हो गया।


तलाक के बाद, उनके नाना ने उनकी मां की दूसरी शादी कराई। कादर खान ने कहा कि वे उस समय एक मां और दो पिता के बीच फंस गए थे। उनके सौतेले पिता एक बढ़ई थे, लेकिन काम नहीं करना चाहते थे। वे उन्हें अपने असली पिता के पास पैसे मांगने के लिए भेजते थे। उनके असली पिता का कहना था कि अगर पैसे होते, तो तलाक क्यों होता।


कादर खान ने छोटी उम्र से ही अपने परिवार का सहारा बनना शुरू कर दिया। जिस मस्जिद में उनके पिता नमाज पढ़ते थे, वहां उन्होंने भीख मांगकर घर का खर्च चलाया। हालांकि, उनकी मां की हिम्मत और विश्वास के कारण ही वे पढ़ाई में सफल हुए और कादर खान बने।


बाद में, कादर खान ने फिल्म उद्योग में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके अभिनय में उनके कठिन समय की छाप और गंभीरता थी। उनके संवाद हमेशा जमीन से जुड़े और सोचने पर मजबूर करने वाले होते थे। कादर खान ने अपनी बहुआयामी प्रतिभा से बॉलीवुड में अद्भुत काम किया और विभिन्न किरदार निभाए।