किसानों का धरना जारी, मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन

किसानों का 26वां दिन का धरना
- राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने की योजना
(Charkhi Dadri News) आज समाज नेटवर्क, बाढड़ा। अनाज मंडी में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसानों के बकाया मुआवजे की मांग को लेकर धरना 26वें दिन भी जारी रहा। इस धरने की अध्यक्षता धन सिंह नंबरदार काकड़ोली ने की। 13 अगस्त को प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
धरने को संबोधित करते हुए श्योराण खाप प्रधान बिजेंद्र बेरला ने कहा कि पिछले 26 दिनों से किसान क्षेत्र में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों के मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश भर के किसान अपने-अपने क्षेत्रों में रोष मार्च निकालेंगे और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। इस संबंध में किसानों की एक टीम ने दो दर्जन गांवों का दौरा किया और अधिक से अधिक किसानों को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
किसान नेता कामरेड रामपाल सिंह धारणी, धन सिंह नंबरदार, और होशियार सिंह गोपी ने किसानों के बीच चर्चा करते हुए कहा कि खरीफ और 2023 कपास बीमा में कृषि विभाग के अधिकारियों ने मिलकर चुनाव आचार संहिता के चलते, जिला भिवानी और चरखी-दादरी में 450 करोड़ रुपये के क्लेम में लगभग 350 करोड़ रुपये का घोटाला किया।
फसल बीमा क्लेम में कमी
हरियाणा में फसल बीमा क्लेम में गिरावट
हरियाणा में वर्ष 2022-23 में फसल बीमा क्लेम 2497 करोड़ रुपये मिला, जबकि चुनावी वर्ष 2023-24 में यह क्लेम केवल 224 करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है। किसान नेताओं ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की 83वीं वर्षगांठ पर 13 अगस्त को किसान एकता केंद्र कॉर्पोरेट खेती छोड़ो दिवस के रूप में मनाएंगे।
किसान नेताओं ने मांग की है कि खेती को डूबती हुई नीतियों से बाहर लाया जाए, नई कृषि विपणन नीति को रद्द किया जाए, एमएसपी गारंटी कानून लागू किया जाए, किसानों का कर्ज माफ किया जाए, बिजली निजीकरण और स्मार्ट मीटर रद्द किए जाएं, और किसानों-मजदूरों को बिजली बिल से मुक्त किया जाए।
इस अवसर पर धन सिंह नंबरदार, नसीब मोद, कामरेड रामपाल सिंह धारणी, हनुमान सिंह दलाल, श्योराण खाप प्रधान बिजेंद्र सिंह बेरला, प्रताप सिंह, करतार गोपी, ओमप्रकाश खोरड़ा, महीपाल कारी दास, राजेंद्र बेरला, जोरा सिंह, राजेश कुमार भांडवा आदि उपस्थित रहे।