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कुरुक्षेत्र में प्रदूषण स्तर में उतार-चढ़ाव, स्वास्थ्य पर असर

कुरुक्षेत्र में पिछले सप्ताह से प्रदूषण के स्तर में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर बच्चे, बुजुर्ग और दमा के मरीज अधिक प्रभावित हो रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस लेख में प्रदूषण के कारण और AQI के स्तर का विश्लेषण किया गया है।
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कुरुक्षेत्र में प्रदूषण स्तर में उतार-चढ़ाव, स्वास्थ्य पर असर

कुरुक्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति

कुरुक्षेत्र (Kurukshetra weather): पिछले सप्ताह से जिले में वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। कभी यह 110 के स्तर पर होता है तो कभी 200 के पार चला जाता है। पिछले 24 घंटों में भी यही स्थिति बनी रही है।


बुधवार की रात प्रदूषण का स्तर 103 तक गिर गया था, जिससे हवा में सुधार हुआ। लेकिन गुरुवार को फिर से यह 177 तक पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस स्थिति से बचने के लिए लोग मास्क पहनने लगे हैं।


प्रदूषण के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और दमा के मरीजों को। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। नेत्र और फिजिशियन की ओपीडी में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है, जहां नेत्र रोग ओपीडी में 130 से 150 मरीज पहुंच रहे हैं।


कुरुक्षेत्र में वायु प्रदूषण का कारण

Kurukshetra weather: वायु प्रदूषण के कारण


वातावरण में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाई ऑक्साइड, और कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी गैसों की उपस्थिति एक निश्चित अनुपात में होती है। जब किसी कारणवश इन गैसों के अनुपात में बदलाव होता है, तो वातावरण प्रदूषित हो जाता है।


AQI के स्तर का विश्लेषण

AQI स्तर का मूल्यांकन


1-100: अच्छा
100-200: ठीक
200-300: खराब
300-400: बहुत खराब
400-500: खतरनाक


वायुमंडल को प्रदूषित करने वाले तत्वों में कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, और धूल के कण शामिल हैं।