केंद्र सरकार ने CGHS दरों में किया ऐतिहासिक बदलाव, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी सुलभ

CGHS दरों में बदलाव
CGHS दरों में बदलाव: केंद्र सरकार ने सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के तहत स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए ये सेवाएं और अधिक सुलभ हो गई हैं। यह पहली बार है जब 2014 के बाद से 2,000 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं की दरों में संशोधन किया गया है।
इन परिवर्तनों के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों को उनके स्तर और शहर की श्रेणी के अनुसार भुगतान किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा और अस्पतालों को वित्तीय संतुलन में मदद मिलेगी।
CGHS का महत्व
CGHS का महत्व
सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवारों के लिए एक स्वास्थ्य सेवा योजना है। इस योजना के तहत रजिस्टर्ड व्यक्ति ओपीडी, सर्जरी, दवाइयों और अस्पताल में भर्ती जैसी सेवाएं कैशलेस प्राप्त कर सकते हैं। केंद्र सरकार देशभर के कुछ अस्पतालों को अपने पैनल में शामिल करती है। हाल के वर्षों में, अस्पतालों द्वारा पुराने रेट्स के कारण कैशलेस इलाज देने से इनकार करने की शिकायतें बढ़ गई थीं, जिससे मरीजों को पहले खुद खर्च करना पड़ता था।
नई दरों में बदलाव
नई दरों में बदलाव
सरकार ने लगभग 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं की दरों को अपडेट किया है। नई व्यवस्था में दरें शहर की श्रेणी (Tier-I, Tier-II, Tier-III) और अस्पताल की गुणवत्ता पर निर्भर करेंगी। टियर-II शहरों में इलाज की दरें बेस रेट से 19% कम होंगी, जबकि टियर-III शहरों में यह 20% कम होगी।
NABH प्रमाणित अस्पतालों को बेस रेट के अनुसार भुगतान मिलेगा, जबकि गैर-NABH अस्पतालों को 15% कम दर दी जाएगी। बड़े सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों (200 से अधिक बेड वाले) को 15% अधिक दर का लाभ मिलेगा। इस नए सिस्टम से इलाज की लागत अब अस्पताल की मान्यता, सुविधा और शहर की श्रेणी के आधार पर तय होगी।
पुरानी दरों की समस्या
पुरानी दरों की समस्या
पिछले 15 वर्षों से दरों में कोई बदलाव न होने के कारण कई अस्पतालों ने CGHS योजना के तहत मरीजों को कैशलेस इलाज देने से मना कर दिया था। मरीजों को इलाज का पूरा खर्च खुद उठाना पड़ता था और फिर रिफंड के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता था।
इस कारण सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स पर आर्थिक बोझ बढ़ गया था। नई दरों के लागू होने से यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि अस्पताल अब बिना हिचक कैशलेस सुविधा प्रदान करेंगे क्योंकि उन्हें उचित भुगतान मिलेगा।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य
केंद्र सरकार का कहना है कि यह सुधार केवल दरों में संशोधन नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल सरकारी कर्मचारियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि अस्पतालों और डॉक्टरों को भी पारदर्शी भुगतान प्रणाली का लाभ होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि यह बदलाव CGHS योजना को आधुनिक बनाने और भविष्य में इसे और प्रभावी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।