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केरल हाई कोर्ट ने अरुंधति रॉय की किताब के कवर पर सिगरेट पीते फोटो पर उठाए सवाल

केरल उच्च न्यायालय ने प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय की नई किताब 'मदर मैरी कम्स टू मी' के कवर पर उनकी सिगरेट पीते हुए तस्वीर को लेकर एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह तस्वीर युवाओं को धूम्रपान को फैशनेबल मानने के लिए प्रेरित कर सकती है। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए इस मुद्दे पर गहराई से विचार करने का आश्वासन दिया है।
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केरल हाई कोर्ट ने अरुंधति रॉय की किताब के कवर पर सिगरेट पीते फोटो पर उठाए सवाल

अरुंधति रॉय की किताब पर कानूनी सवाल

अरुंधति रॉय की नई किताब 'मदर मैरी कम्स टू मी': केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र सरकार से एक जनहित याचिका (PIL) पर प्रतिक्रिया मांगी है, जिसमें प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय के नवीनतम पुस्तक के कवर पर उनकी सिगरेट पीते हुए तस्वीर को चुनौती दी गई है। इस तस्वीर में कोई स्वास्थ्य चेतावनी नहीं है।


मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी की पीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिका में यह तर्क दिया गया है कि लेखिका की सिगरेट पीते हुए छवि को बौद्धिक और रचनात्मक व्यक्तियों के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे युवा और लड़कियों में भ्रम उत्पन्न हो सकता है।


कवर पर आपत्ति


याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि वे किताब की सामग्री पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, बल्कि केवल कवर पर लेखिका की सिगरेट पीते हुए तस्वीर से असहमत हैं।


लड़कियां इसे फैशनेबल मान सकती हैं


याचिकाकर्ता ने कहा कि लेखिका के प्रशंसकों की संख्या लाखों में है और बड़ी संख्या में लोग उनकी किताबें पढ़ते हैं। ऐसे में युवा उनकी सिगरेट पीते हुए तस्वीर को देखकर धूम्रपान को एक फैशनेबल चीज मान सकते हैं।


तंबाकू उत्पादों का प्रचार


याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क किया कि पुस्तक के कवर पर यह चित्र धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों के प्रचार के समान है। अरुंधति रॉय एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की लेखिका हैं और उनका युवाओं और किशोर लड़कियों पर गहरा प्रभाव है।