कैथल डिपो को मिलेंगी चार नई पुरानी बसें, यात्रियों की बढ़ी चिंता
कैथल डिपो में नई बसों का आगमन
कैथल: भिवानी डिपो से चार पुरानी बीएस-4 बसें जल्द ही कैथल डिपो में पहुंचने वाली हैं। इन बसों की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक टीम भिवानी जाएगी। निरीक्षण के बाद ही इन बसों को कैथल लाया जाएगा। वर्कशॉप मैनेजर अनिल कुमार ने बताया कि भिवानी डिपो से प्राप्त पत्र में बसों की स्थिति संतोषजनक बताई गई है। टीम की संतुष्टि के बाद ही बसों को रूट पर चलाने की अनुमति दी जाएगी।
पिछले बसों का हाल
इससे पहले, पलवल, भिवानी, झज्जर, पानीपत और रोहतक डिपो से 71 पुरानी बसें कैथल डिपो में आ चुकी हैं। इनमें से झज्जर से आई बसें सबसे खराब स्थिति में थीं, जबकि अन्य बसें अपेक्षाकृत बेहतर थीं। डिपो के कर्मचारियों ने इन बसों की मरम्मत कर स्थानीय रूटों पर संचालन शुरू कर दिया है।
यात्रियों की समस्याएं
यात्रियों को उठानी पड़ती है परेशानी
एनसीआर क्षेत्र में 10 वर्ष पुरानी बसों पर प्रतिबंध के कारण, वहां से हटाई गई बसें अन्य जिलों में भेजी जा रही हैं। हालांकि, पुरानी बसों की बार-बार खराबी के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बसें रूट पर खराब हो जाती हैं, जिससे यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।
कैथल डिपो की स्थिति
वर्तमान में कैथल डिपो में कुल 250 बसें हैं, जिनमें 187 सरकारी और 63 लीज पर चल रही हैं। डिपो को फिलहाल 63 नई बसों की आवश्यकता है। विधायक आदित्य सुरजेवाला ने विधानसभा में पुरानी बसों का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद कुछ नई बसें डिपो में आई थीं। यात्रियों ने फिर से मांग की है कि पुरानी बसों की जगह नई बसें खरीदी जाएं, ताकि समय पर गंतव्य तक पहुंचा जा सके।
यात्रियों की राय
यात्री राजेश, मोनू, रामकुमार, रणधीर और मनोज ने बताया कि पुरानी बसों की क्लच प्लेट और इंजन अक्सर खराब हो जाते हैं, जिससे सफर में देरी होती है। सरकार को चाहिए कि नई बसें खरीदे और यात्रियों की असुविधा दूर करे।
पुरानी बसों की संख्या
71 बसें दूसरे डिपो से आ चुकीं
अब तक 71 पुरानी बसें दूसरे जिलों से कैथल डिपो को मिल चुकी हैं, जिनमें पलवल से 9, भिवानी से 7, झज्जर से 14, रेवाड़ी से 12, पानीपत से 9 और रोहतक से 20 बसें शामिल हैं। भिवानी की चार नई (पुरानी) बसें आने के बाद यह संख्या 75 हो जाएगी। अधिकतर बसें बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की हैं, जिन्हें केवल स्थानीय रूटों पर चलाया जा रहा है। लंबी दूरी की यात्राओं के लिए इन बसों को उपयुक्त नहीं माना जा रहा।
बसों की स्थिति पर अनिल कुमार की टिप्पणी
बसों की स्थिति अच्छी : अनिल कुमार
वर्कशॉप मैनेजर अनिल कुमार ने कहा कि भिवानी डिपो से चार बसें आने वाली हैं। उनकी स्थिति अच्छी बताई गई है। निरीक्षण के बाद बसों को कैथल लाया जाएगा और रूट पर चलाया जाएगा। यात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। गांवों और स्कूली बच्चों के लिए अलग बसें चलाई जा रही हैं, वहीं महिलाओं के लिए भी अलग से बस सुविधा उपलब्ध है।
नई बसों की आवश्यकता
सरकार नई बसें खरीदे
कर्मचारी मेहर सिंह और राजेंद्र ने कहा कि डिपो में अब नई बसें भेजी जानी चाहिए। पुरानी बसें बीच रास्ते बंद पड़ जाती हैं, जिससे चालक, परिचालक और यात्रियों को दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि पहले आई कई पुरानी बसें अब सड़कों पर चलने लायक नहीं रहीं।
