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कैथल में हरियाणा रोडवेज बस हादसा: 55 यात्रियों ने बचाई जान

कैथल में एक हरियाणा रोडवेज बस हादसे में 55 यात्रियों ने जान बचाई। बारिश के कारण बस खड्डे में गिर गई, लेकिन चालक की सतर्कता से सभी सुरक्षित रहे। इस घटना ने रोडवेज बसों की सुरक्षा और मानसून में सड़क की स्थिति की जांच की आवश्यकता पर सवाल उठाए हैं। जानें पूरी कहानी और यात्रियों की सुरक्षा के उपाय।
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कैथल में हरियाणा रोडवेज बस हादसा: 55 यात्रियों ने बचाई जान

हरियाणा रोडवेज बस दुर्घटना

कैथल में हरियाणा रोडवेज बस हादसा: 55 यात्रियों ने बचाई जान (हरियाणा रोडवेज बस हादसा) शनिवार को तब हुआ जब फतेहाबाद डिपो की एक बस चंडीगढ़ की ओर जा रही थी। कैथल जिले के कलायत क्षेत्र में बात्ता गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर अचानक बस सड़क से फिसलकर खड्डे में गिर गई। बस में लगभग 55 यात्री सवार थे, लेकिन सभी सुरक्षित रहे, जो राहत की बात है।


बारिश के कारण सड़क बेहद फिसलन भरी थी। जैसे ही बस गांव बात्ता के पास पहुंची, सामने चल रहे एक ट्रक ने अचानक ब्रेक लगा दी। चालक रवि कुमार ने स्थिति को तुरंत भांपते हुए बस को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन सड़क की फिसलन के कारण बस खड्डे की ओर फिसल गई। गनीमत रही कि बस पलटी नहीं और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।


बारिश बनी हादसे का कारण

(कैथल बस हादसा) की मुख्य वजह बारिश के कारण सड़क पर बनी फिसलन थी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैफिक तो था, लेकिन अचानक ब्रेक लगाने से स्थिति और बिगड़ गई। चालक की सतर्कता और अनुभव ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। (फिसलन वाली सड़क पर दुर्घटनाएं) मानसून में आम हो जाती हैं, लेकिन इस बार समय पर प्रतिक्रिया ने जान बचा ली।


बस के खड्डे में उतरने के बाद चालक ने तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दी। हालांकि, सहायता पहुंचने में समय लगा, तब तक चालक और परिचालक ने यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने और रास्ता बनाने में मदद की।


यात्रियों को मिली दूसरी बस से राहत

घटना के बाद यात्रियों को थोड़ी देर के लिए सड़क किनारे इंतजार करना पड़ा। बाद में उन्हें दूसरी बस की सहायता से उनके गंतव्य की ओर रवाना किया गया। (बस बचाव अभियान) पूरी तरह से सफल रहा और किसी को गंभीर चोट नहीं आई।


इस घटना ने एक बार फिर (रोडवेज बस सुरक्षा) और (हरियाणा परिवहन समाचार) को लेकर सवाल खड़े किए हैं। क्या मानसून में रोडवेज बसों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय नहीं होने चाहिए? क्या सड़क की स्थिति की नियमित जांच जरूरी नहीं है?