कोलकाता में छात्रा के गैंगरेप मामले में तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं

गैंगरेप मामले में तृणमूल कांग्रेस पर दबाव
कोलकाता में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के मामले ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस घटना को एक प्रमुख मुद्दा बना लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में भाजपा ने 'हल्लाबोल' कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसके दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। भाजपा ने इस मामले की जांच के लिए अपनी एक समिति भी गठित की है।
राज्य सरकार ने भी इस गैंगरेप की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। कोलकाता पुलिस ने एसीपी प्रदीप कुमार घोषाल की अगुवाई में पांच सदस्यों की एसआईटी बनाई है। उल्लेखनीय है कि 25 जून को दक्षिण कोलकाता के कस्बा क्षेत्र में सरकारी लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी सहित तीन लोग पहले ही पकड़े जा चुके थे, जबकि कॉलेज के गार्ड पिनाकी बनर्जी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को एक जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।
इस मामले में दो छात्रों, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी, के साथ मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा को घटना के एक दिन बाद गिरफ्तार किया गया था। ये सभी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। शनिवार को पीड़ित छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें डॉक्टरों ने उसके शरीर पर जबरदस्ती करने, काटने के निशान और नाखून से खरोंच के निशान पाए।
भाजपा ने इस मामले को लेकर शनिवार को पूरे राज्य में प्रदर्शन किया। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना की जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें और उनके पार्टी के नेताओं को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर कोलकाता पुलिस ने हिरासत में लिया। भाजपा ने चार सदस्यों की एक जांच समिति भी बनाई है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी, सांसद विप्लब कुमार देव और मनन कुमार मिश्रा शामिल हैं।