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क्या UAE बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है? जानें इस विवाद की सच्चाई

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और पत्रकार रिजवान रजी ने UAE पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि UAE, ग्वादर पोर्ट के विकास से उत्पन्न आर्थिक प्रतिस्पर्धा के कारण इस क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है। क्या यह केवल आरोप है या क्षेत्रीय भू-राजनीति की नई चाल? जानें इस विवाद की सच्चाई और इसके संभावित परिणाम।
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क्या UAE बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है? जानें इस विवाद की सच्चाई

UAE का बलूचिस्तान में आतंकवाद में कथित संलिप्तता

UAE Involvement in Balochistan Terrorism : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थिति लंबे समय से तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन अब यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। पाकिस्तान के एक प्रमुख पत्रकार रिजवान रजी ने एक वीडियो में यह आरोप लगाया है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। उनका कहना है कि UAE, ग्वादर पोर्ट के विकास से उत्पन्न आर्थिक प्रतिस्पर्धा के कारण इस क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है।


“ग्वादर पोर्ट से UAE को है ईर्ष्या”
रिजवान रजी का कहना है कि ग्वादर पोर्ट, जो पाकिस्तान और चीन के सहयोग से विकसित किया जा रहा है, क्षेत्रीय व्यापार को पूरी तरह से बदल सकता है। यह बंदरगाह बलूचिस्तान के मकरान तट पर स्थित है और इसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। रजी का मानना है कि यदि यह पोर्ट पूरी तरह से सक्रिय हो गया, तो दुबई का डीप सी पोर्ट आर्थिक रूप से पिछड़ सकता है, जिससे UAE की व्यापारिक स्थिति को बड़ा नुकसान हो सकता है।



आतंकवाद के माध्यम से विकास में बाधा?
रिजवान रजी ने अपने वीडियो में स्पष्ट किया कि UAE नहीं चाहता कि बलूचिस्तान में स्थिरता आए, क्योंकि इससे ग्वादर पोर्ट का विकास तेजी से होगा। उनका कहना है कि UAE प्रॉक्सी आतंकवाद के माध्यम से इस क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं होने देना चाहता। उनका यह आरोप गंभीर है, क्योंकि इससे एक अरब देश पर दूसरे मुस्लिम देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगता है।


ग्वादर: उम्मीद और असंतोष का केंद्र
ग्वादर पोर्ट पाकिस्तान सरकार और चीन के लिए एक आर्थिक गेमचेंजर है, जो न केवल पाकिस्तान को व्यापारिक महाशक्ति बना सकता है, बल्कि चीन को हिंद महासागर में एक रणनीतिक पहुंच भी प्रदान करता है। हालांकि, स्थानीय लोग इस विकास प्रक्रिया से खुद को बाहर महसूस कर रहे हैं और उन्हें रोजगार, बुनियादी सुविधाएं या सुरक्षा जैसे लाभ नहीं मिल पा रहे हैं।


आरोपों के पीछे की राजनीति और संभावित परिणाम
रिजवान रजी के आरोप केवल आर्थिक प्रतिस्पर्धा की बात नहीं करते, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि क्षेत्रीय राजनीति में बंदरगाहों और व्यापार मार्गों को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। यदि UAE सचमुच बलूचिस्तान में अस्थिरता फैलाने में शामिल है, तो यह पाकिस्तान की संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है।


क्या यह केवल आरोप है या क्षेत्रीय भू-राजनीति की नई चाल?
रिजवान रजी का यह बयान केवल एक पत्रकार का व्यक्तिगत विचार नहीं है, बल्कि यह सीधे एक मित्र मुस्लिम देश पर पाकिस्तान की आंतरिक समस्याओं को बढ़ाने का आरोप लगाता है। यदि इसमें सच्चाई है, तो यह दक्षिण एशिया और खाड़ी क्षेत्र की राजनीति को एक नए मोड़ पर ले जा सकता है।