क्या अमेरिका ने भारत को व्यापार को लेकर दी चेतावनी? जानें सच

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौतों पर चल रहे विवादों के बीच, यह जानकारी सामने आई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी है। इसके साथ ही, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप को रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर कड़ा जवाब दिया है। इन घटनाओं ने राजनीतिक और मीडिया में चर्चा को बढ़ावा दिया है। अमेरिका ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।
सोशल मीडिया पर वायरल दावे
सोशल मीडिया पर दो प्रमुख दावे तेजी से फैल रहे हैं। ये दावे @Middle_Eastern0 और @ChinainEnglis नामक अकाउंट्स द्वारा साझा किए गए हैं। पहले दावे में कहा गया है कि विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था व्हाइट हाउस से संचालित नहीं होगी और रूस से तेल खरीदना जारी रहेगा। दूसरे दावे में ट्रंप को यह कहते हुए दिखाया गया है कि भारत रूसी गैस खरीदकर जोखिम उठा रहा है और यदि यह नीति नहीं बदली गई, तो भारत को भारी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ेगी.
PIB ने किया खंडन
🚨 Social media accounts @Middle_Eastern0 and @ChinainEnglis are spreading false claims, attributing fabricated statements to the Indian Ministry of External Affairs (@MEAIndia) and US President Donald Trump (@realDonaldTrump) regarding recent tariff-related developments.… pic.twitter.com/dpMScCPml5
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 4, 2025
हालांकि, प्रेस इन्फर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इन दावों को पूरी तरह से गलत ठहराते हुए खंडन किया है। PIB ने स्पष्ट किया कि न तो विदेश मंत्री एस जयशंकर और न ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐसी कोई टिप्पणी की है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऑनलाइन फैलाई जा रही अफवाहों और गलत सूचनाओं पर विश्वास न करें और ऐसी खबरों को साझा करने से पहले आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेना आवश्यक है।
ट्रंप का टैरिफ और आलोचना
टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना की और कहा कि दोनों देश अपनी 'मृत' अर्थव्यवस्थाओं को गहराई में ले जा रहे हैं, जिससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके साथ ही, रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25 प्रतिशत का जुर्माना लगाने का निर्णय भी लिया गया, जो दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव का कारण बना।
यह पूरा मामला व्यापारिक और राजनीतिक तनाव के बीच गलत सूचना के प्रसार की चिंता को भी दर्शाता है। इसलिए, आधिकारिक बयान और सटीक जानकारी पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है, ताकि किसी भी तरह की भ्रांतियों से बचा जा सके।