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क्या एटीएम से ₹500 के नोट बंद होंगे? RBI ने संसद में दी जानकारी

हाल ही में सोशल मीडिया पर यह चर्चा थी कि एटीएम से ₹500 के नोटों का वितरण बंद किया जा सकता है। लेकिन सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई इरादा नहीं है। RBI ने छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए नई नीति की घोषणा की है, जिससे आम जनता को लेन-देन में आसानी होगी। जानें इस नीति के पीछे का उद्देश्य और अफवाहों से कैसे बचें।
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क्या एटीएम से ₹500 के नोट बंद होंगे? RBI ने संसद में दी जानकारी

ATM कैश अपडेट: क्या ₹500 के नोट होंगे बंद?

ATM कैश अपडेट: क्या ₹500 के नोट होंगे बंद? हाल ही में सोशल मीडिया पर यह अफवाहें फैल गई थीं कि एटीएम से ₹500 के नोटों का वितरण जल्द ही समाप्त हो जाएगा। लेकिन अब सरकार ने संसद में इस विषय पर स्पष्टता प्रदान की है।


वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ₹500 के नोटों को बंद करने का कोई इरादा नहीं है। यह निर्णय जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। RBI सभी मूल्यवर्ग के नोटों की उपलब्धता को संतुलित रखने का प्रयास करेगा ताकि लेन-देन में कोई कठिनाई न हो।


छोटे नोटों की हिस्सेदारी बढ़ाने का निर्देश


RBI ने बैंकों और (white label ATM operators) को निर्देशित किया है कि 30 सितंबर 2025 तक एटीएम में ₹100 और ₹200 के नोटों की हिस्सेदारी को 75% तक बढ़ाया जाए। इसके बाद, 31 मार्च 2026 तक इसे 90% तक पहुंचाने का लक्ष्य है।


इसका उद्देश्य छोटे मूल्यवर्ग के नोटों को अधिक सुलभ बनाना है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जहां इनकी मांग अधिक होती है।


(RBI ATM guidelines) के अनुसार, यह नीति नकदी की बेहतर उपलब्धता और संतुलन बनाए रखने के लिए है, न कि ₹500 के नोटों को बंद करने के लिए।


अफवाहों से बचें, जानिए असली सच्चाई


सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि ₹500 के नोटों को बंद करने की कोई योजना नहीं है। यह निर्देश केवल नकदी वितरण को बेहतर बनाने के लिए है। RBI पहले भी इस तरह के निर्देश जारी करता रहा है ताकि नकदी की कमी से जनता को परेशानी न हो।


(RBI statement in parliament) ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर फैली फेक रिपोर्ट्स से भ्रम की स्थिति बनती है, जिसे दूर करना जरूरी है। इसलिए जनता को सलाह दी गई है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।


इस नीति से आम लोगों को छोटे नोटों की बेहतर उपलब्धता मिलेगी और डिजिटल व नकद दोनों तरह के लेन-देन में संतुलन बना रहेगा।