क्या करुण नायर की टेस्ट टीम में वापसी का सपना टूट गया? जानें साई सुदर्शन की कहानी

भारत की टीम में बदलाव
बुधवार को मैनचेस्टर में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए करुण नायर को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया, जिससे उनकी वापसी की उम्मीदें लगभग समाप्त हो गईं। उनकी जगह साई सुदर्शन को मौका दिया गया। इसके साथ ही टीम में कुल तीन बदलाव किए गए, जिसमें चोटिल नीतीश कुमार रेड्डी और आकाश दीप की जगह अंशुल कंबोज और ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को शामिल किया गया।
करुण नायर की वापसी की कहानी
करुण नायर ने भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की थी, जो उनके पिछले मैच के आठ साल बाद हुई थी। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया था, जिससे उनका चयन हुआ। इंडिया ए के दौरे पर उन्होंने दोहरा शतक भी बनाया था, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनका प्रदर्शन औसत रहा। तीन मैचों में छह पारियों में उन्होंने केवल 131 रन बनाए, उनकी औसत 21.83 रही और उन्होंने एक भी अर्धशतक नहीं लगाया।
इन कमजोर प्रदर्शन के कारण टीम प्रबंधन ने धैर्य खो दिया और नायर को मैनचेस्टर टेस्ट के लिए बाहर बैठाया। उनकी जगह पहले टेस्ट में बाहर हुए साई सुदर्शन को फिर से मौका मिला। सुदर्शन ने पहले मैच में सीमित रन बनाए थे, लेकिन टीम ने हार के बाद रणनीतिक बदलाव करते हुए उन्हें फिर से मौका दिया।
संजय मांजरेकर की टिप्पणी
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने करुण नायर के दिसंबर 2022 में किए गए ट्वीट को याद किया, जिसमें उन्होंने "मुझे एक और मौका दो" लिखा था। मांजरेकर ने कहा कि क्रिकेट ने नायर को मौका दिया, लेकिन वह उसे अच्छे से भुना नहीं सके। उन्होंने कहा, "यह एक भावुक कहानी थी। क्रिकेट ने उन्हें मौका दिया, लेकिन उन्होंने इसे खो दिया। सुदर्शन का वापस आना सही निर्णय है क्योंकि उन्हें भी खेलने का मौका मिलना चाहिए था।"
आगामी टेस्ट श्रृंखला की चर्चा
अब सवाल यह है कि क्या भारत अगली टेस्ट श्रृंखला में नायर को टीम में रखेगा या नहीं। यह सीरीज वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू मैदान पर खेली जाएगी, जो 2 अक्टूबर और 10 अक्टूबर, 2025 को अहमदाबाद और कोलकाता में आयोजित होगी।
इंग्लैंड ने पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने लगातार चौथी बार मैनचेस्टर में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया है। हालांकि, ओल्ड ट्रैफर्ड में पहले गेंदबाजी करने वाली कोई भी टीम अभी तक टेस्ट मैच नहीं जीत पाई है, जहां तीन बार हार का सामना करना पड़ा है और आठ बार मैच ड्रॉ रहा है। भारत ने भी इस मैदान पर कभी जीत हासिल नहीं की है; नौ प्रयासों में चार बार हार और पांच बार ड्रॉ हुआ है।