क्या पंखुड़ी त्रिपाठी की फीस माफी से योगी सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठेंगे?

पंखुड़ी त्रिपाठी की फीस माफी की अपील
उत्तर प्रदेश में एक सातवीं कक्षा की छात्रा, पंखुड़ी त्रिपाठी, जो आईएएस बनने का सपना देखती है, की फीस माफी की मांग ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। पंखुड़ी के पिता, राजीव कुमार त्रिपाठी, एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके कारण उनकी नौकरी चली गई। इस स्थिति ने परिवार को आर्थिक संकट में डाल दिया, और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सहायता की अपील की, जिन्होंने पहले शिक्षा में किसी भी बाधा का आश्वासन दिया था।
परिवार की आर्थिक स्थिति
गोरखपुर के पक्कीबाग में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाली पंखुड़ी के पिता को पिछले साल महामारी के दौरान चोट लगी थी। उस समय वे घर पर थे और छत से गिरने के कारण उनके पैर में गंभीर चोट आई। इलाज के कारण उनकी नौकरी चली गई, जिससे परिवार की आय में भारी कमी आई। घर की जिम्मेदारी पूरी तरह से पिता पर थी, क्योंकि उनका बेटा 12वीं कक्षा में और बेटी कक्षा 7 में पढ़ रही है। पंखुड़ी फरवरी से स्कूल नहीं जा पाई।
फीस माफी की मांग
राजीव ने कहा, “मैंने सोचा कि अपनी बेटी को एक साल के लिए स्कूल से निकाल दूं, लेकिन फिर मैंने मुख्यमंत्री से वित्तीय सहायता की उम्मीद की।” 1 जुलाई को जनता दरबार में पंखुड़ी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जहां उन्हें समर्थन का आश्वासन मिला। मुख्यमंत्री ने उन्हें चॉकलेट भी दी और कहा कि उनकी पढ़ाई नहीं रुकेगी। लेकिन जब वे स्कूल प्रशासन के पास गए, तो उन्हें बताया गया कि फीस माफी संभव नहीं है।
स्कूल प्रशासन का इनकार
सरकारी सहायता मिलने के बावजूद, स्कूल ने पंखुड़ी की फीस माफी की मांग को ठुकरा दिया। स्कूल प्रशासन का कहना था कि फीस माफी की कोई व्यवस्था नहीं है और यदि हर अभिभावक ऐसा मांग करेगा, तो संस्था का संचालन मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने शिक्षा और स्टाफ के वेतन का हवाला देते हुए मना कर दिया, जिससे पंखुड़ी का आत्मविश्वास टूट गया और परिवार को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा।
राजनीतिक हस्तक्षेप
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, “हम वादा करते हैं कि उसकी शिक्षा नहीं रुकेगी। भाजपा के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारों को यह झूठा सिद्ध करता है।” राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेता भी इस मामले को कानून व्यवस्था से जोड़ते हुए केंद्र और राज्य की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
पंखुड़ी की उम्मीदें
पंखुड़ी ने कहा, “मैं आईएएस बनना चाहती हूं, मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अपना वादा निभाएंगे और मैं अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर सकूंगी।” उनके पिता राजीव ने भी विश्वास व्यक्त किया कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री उनकी मदद करेंगे, ताकि उनका परिवार सामान्य जीवन जी सके।