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क्या भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर संकट है? जानें पाकिस्तान की नई रणनीति

भारत ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, जिससे पाकिस्तान की स्थिति गंभीर हो गई है। पाकिस्तान ने अमेरिका में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है, जहां वह खुद को पीड़ित बताकर संधि को फिर से लागू करने की अपील कर रहा है। इस बीच, भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता, तब तक बातचीत नहीं होगी। जानें इस जटिल स्थिति के सभी पहलुओं के बारे में।
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क्या भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर संकट है? जानें पाकिस्तान की नई रणनीति

भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव

India Pakistan Relations: भारत ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, जिससे पाकिस्तान की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। पानी की कमी के चलते पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मदद मांगने लगा है। उसने भी एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजा है, जहां वह खुद को पीड़ित बताकर सिंधु समझौते को फिर से लागू करने की अपील कर रहा है।


भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

यह कदम तब उठाया गया जब भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कड़ा रुख अपनाया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की। अब पाकिस्तान इसे 'अस्तित्व का संकट' बताते हुए अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहा है।


पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा

अमेरिका में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल


पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में एक नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा है। इस दल ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित करने पर चिंता व्यक्त की और आतंकी हमले के बाद की सैन्य कार्रवाई पर अपने विचार साझा किए।


सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान का रुख

सिंधु जल संधि को लेकर भारत को घेरा


प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी ने मीडिया से कहा, "हमारा संदेश स्पष्ट था, पाकिस्तान शांति चाहता है।" उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद सभी लंबित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से सुलझाना चाहता है। जिलानी ने यह भी कहा कि भारत को इस समझौते को रद्द नहीं करना चाहिए था, क्योंकि इससे क्षेत्रीय संतुलन और जल सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।


जल विवाद का क्षेत्रीय प्रभाव

पाकिस्तानी सांसद खुर्रम दस्तगीर ने जल विवाद के क्षेत्रीय प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि भारत द्वारा संधि को स्थगित करने से पाकिस्तान के 24 करोड़ लोगों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा, "हमने अमेरिकी अधिकारियों को बताया कि भारत द्वारा संधि को निलंबित करने से 24 करोड़ लोगों की आजीविका खतरे में पड़ गई है और क्षेत्र की स्थिरता कमजोर हो गई है।"


दस्तगीर ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंधु जल विवाद पाकिस्तान के अस्तित्व से जुड़ा है और इस मुद्दे पर कोई समझौता संभव नहीं है।


भारत का स्पष्ट रुख

भारत का स्पष्ट रुख


भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि पर कोई बातचीत या बहाली नहीं होगी। भारत का मानना है कि यह समझौता शांति और भरोसे पर आधारित था, जो अब पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने की नीति के चलते टूट चुका है।