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क्या मुंबई के विधायक का बर्ताव था अनुचित? फडणवीस ने जताई नाराज़गी

मुंबई के एमएलए हॉस्टल में भोजन को लेकर विवाद के चलते शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने एक कर्मचारी को थप्पड़ मारा, जिस पर देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी निंदा की। फडणवीस ने कहा कि इस तरह का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के लिए अनुचित है और इससे विधानमंडल की छवि प्रभावित होती है। विपक्षी दलों ने भी इस घटना की आलोचना की है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और गायकवाड़ का बचाव।
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क्या मुंबई के विधायक का बर्ताव था अनुचित? फडणवीस ने जताई नाराज़गी

विधायक के विवादास्पद व्यवहार पर फडणवीस की प्रतिक्रिया

मुंबई के एमएलए हॉस्टल में भोजन को लेकर उत्पन्न विवाद पर देवेंद्र फडणवीस ने अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन के एक कर्मचारी को थप्पड़ मारने की घटना की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के लिए अस्वीकार्य है और इससे विधानमंडल की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


फडणवीस ने की निंदा

फडणवीस ने विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि किसी को कोई शिकायत है, तो उसे विधिपूर्वक दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसात्मक व्यवहार एक गलत संदेश देता है, जिससे सभी विधायकों की छवि प्रभावित होती है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राम शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर से उचित कार्रवाई की मांग की।


विवाद की शुरुआत

यह विवाद तब शुरू हुआ जब बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने मुंबई स्थित आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल की कैंटीन से ऑर्डर किया गया भोजन बासी बताते हुए नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इस बार उन्होंने अपना आपा खो दिया और कैंटीन स्टाफ से उलझ पड़े। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में गायकवाड़ कर्मचारी को गालियां देते, बिल देने से इनकार करते और फिर थप्पड़ मारते हुए दिखाई दिए।


विपक्ष की प्रतिक्रिया

इस घटना की विपक्षी दलों ने भी निंदा की है। कांग्रेस विधायक डॉ. ज्योति गायकवाड़ ने कहा कि हर किसी का अच्छा भोजन मिलना अधिकार है, लेकिन किसी कर्मचारी की पिटाई करना समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि एक जनप्रतिनिधि ऐसा करेगा, तो आम जनता क्या सीखेगी? उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेना चाहिए था।


संजय गायकवाड़ का बचाव

शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी विधायक के व्यवहार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एक चुने हुए प्रतिनिधि द्वारा इस तरह का आचरण बेहद शर्मनाक है और यह सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण है। वहीं, विधायक संजय गायकवाड़ ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने पहले भी कई बार खराब खाने की शिकायत की थी। जब लोकतांत्रिक भाषा समझ नहीं आती, तो मजबूरी में दूसरी भाषा में बात करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है।