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क्या मैथिली ठाकुर बनेंगी बिहार की अगली राजनीतिक आवाज? जानें उनके इरादे

लोकगायिका मैथिली ठाकुर, जो बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, अब राजनीति में कदम रखने की योजना बना रही हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। मैथिली का दरभंगा और मधुबनी से गहरा जुड़ाव है, और वह इन क्षेत्रों के विकास के लिए काम करना चाहती हैं। उनकी राजनीति में एंट्री से यह स्पष्ट होता है कि वह केवल कला में ही नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव में भी योगदान देना चाहती हैं।
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क्या मैथिली ठाकुर बनेंगी बिहार की अगली राजनीतिक आवाज? जानें उनके इरादे

मैथिली ठाकुर का राजनीतिक सफर

मैथिली ठाकुर: बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को अपनी आवाज से सजाने वाली प्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर अब राजनीति में कदम रखने की योजना बना रही हैं। अपनी मधुर आवाज और मिथिला संस्कृति की प्रतीक बन चुकी मैथिली ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना पर विचार कर रही हैं। यदि उन्हें बीजेपी से टिकट मिलता है, तो वह इसे स्वीकार कर जनसेवा के लिए आगे बढ़ेंगी। उन्होंने बताया कि दरभंगा और मधुबनी जैसे क्षेत्रों से उनका गहरा संबंध है और वे इन इलाकों के विकास के लिए कार्य करना चाहती हैं। विशेष रूप से, उन्होंने अलीनगर या बेनीपट्टी सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है.




विनोद तावड़े से मुलाकात

मैथिली ठाकुर ने कहा कि यदि वह अपने क्षेत्र की सेवा कर सकें, तो यह उनके लिए सबसे बड़ी खुशी होगी। उनका मानना है कि बिहार में युवाओं के विकास पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं नित्यानंद राय और विनोद तावड़े से मुलाकात के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि अब समय आ गया है कि वह बिहार लौटकर अपने लोगों के लिए काम करें।


भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने 5 अक्टूबर को अपने सोशल मीडिया पर मैथिली ठाकुर के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि वर्ष 1995 में लालू राज के दौरान जो परिवार बिहार छोड़ गए थे, उनकी बिटिया मैथिली ठाकुर अब बदलते बिहार की रफ्तार देखकर वापस आना चाहती हैं। इस बयान के बाद से अटकलें तेज हो गई हैं कि मैथिली जल्द ही भाजपा में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं.


मैथिली ठाकुर की सांस्कृतिक पहचान

दरभंगा की निवासी मैथिली ठाकुर न केवल बिहार में, बल्कि पूरे देश में लोकगीत, भजन और मिथिला संगीत की एक प्रमुख आवाज हैं। वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाखों श्रोताओं से जुड़ी हुई हैं और खासकर युवा वर्ग में उनकी लोकप्रियता अत्यधिक है। इस वर्ष 25 वर्ष की हुईं मैथिली ठाकुर ने अपनी गायकी के माध्यम से मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान दी है। अब राजनीति में उनकी संभावित एंट्री इस बात का संकेत है कि वह केवल कला में ही नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में भी योगदान देना चाहती हैं.