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क्या मोबाइल चार्जर प्लग में लगे रहने पर बिजली खर्च करता है?

क्या आपने कभी सोचा है कि मोबाइल चार्जर को प्लग में छोड़ने पर भी बिजली खर्च होती है? इस लेख में हम इस दावे की सच्चाई का पता लगाएंगे। जानें कि चार्जर बिना फोन के भी कितनी बिजली खींचता है और इसे प्लग से हटाने के फायदे क्या हैं। यह जानकारी न केवल आपकी जेब के लिए फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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क्या मोबाइल चार्जर प्लग में लगे रहने पर बिजली खर्च करता है?

हर घर में मोबाइल चार्जर का महत्व


Mobile Charger: आजकल हर घर में मोबाइल चार्जर का उपयोग सामान्य है। यदि यह बिना उपयोग के भी बिजली खपत करता है, तो यह न केवल आपकी जेब पर असर डालता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हो सकता है।


सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से फैल रहा है कि यदि आप मोबाइल चार्जर को स्विच में छोड़ देते हैं, भले ही फोन न लगा हो, तो भी बिजली की खपत होती है। लाखों लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं और इससे संबंधित भ्रम बढ़ रहा है। आइए जानते हैं इस दावे की सच्चाई।


चार्जर बिना फोन के भी बिजली खर्च करता है

यदि आप मोबाइल चार्जर को स्विच में ऑन रखते हैं, लेकिन फोन नहीं लगाते हैं, तो यह थोड़ी मात्रा में बिजली का उपयोग करता है। इसे वैंपायर पावर या स्टैंडबाय पावर कहा जाता है। औसतन, एक चार्जर बिना फोन के 0.1 से 0.5 वॉट बिजली खींचता है। महीने में यह खपत लगभग 1 से 2 यूनिट हो सकती है।


चार्जर को प्लग से हटाना है बेहतर विकल्प

चार्जर का प्लग निकालना सबसे अच्छा विकल्प है। इससे न केवल बिजली की बचत होती है, बल्कि यह आग से सुरक्षा के लिहाज से भी सुरक्षित है। इसलिए, यह कहना गलत नहीं होगा कि दावा पूरी तरह से गलत नहीं है। चार्जर का स्विच में रहना थोड़ी मात्रा में बिजली खर्च करता है, हालांकि यह खपत बहुत कम है, लेकिन लंबे समय में कई उपकरण मिलकर बिजली के बिल को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, चार्जर को अनावश्यक रूप से प्लग में न छोड़ें।