क्या सरकारी स्कूलों की छतें गिरना बन गया है नया सामान्य? AAP ने BJP पर साधा निशाना

हापुड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने की घटना
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने की घटना सामने आई है, जिसमें कक्षा में पढ़ रहे बच्चे बाल-बाल बचे। इससे पहले, राजस्थान के झालावाड़ में भी दो दिनों के भीतर दो अलग-अलग सरकारी स्कूलों की छतें गिरने की घटनाएं हुई थीं। इन घटनाओं ने भाजपा शासित राज्यों में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी ने इन हादसों को लेकर भाजपा पर सीधा हमला किया है।
BJP की प्राथमिकताओं पर सवाल
BJP को 5 स्टार दफ्तर बनवाने का पूरा शौक
दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा का स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने 5 स्टार दफ्तर बनाने का शौक है, जबकि सरकारी स्कूलों की स्थिति जर्जर होती जा रही है। बच्चों की सुरक्षा भाजपा के लिए चिंता का विषय नहीं है। यदि शिक्षा वास्तव में प्राथमिकता होती, तो शायद ऐसे दर्दनाक हादसे टाले जा सकते थे।
गिरती छतें और शिक्षा व्यवस्था
गिरती छतें, कमजोर होती शिक्षा व्यवस्था
मनीष सिसोदिया ने राजस्थान की घटनाओं पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में स्कूलों की छतें गिरना अब एक "नया सामान्य" बनता जा रहा है। एक दिन झालावाड़ में छत गिरी, और अगले ही दिन फिर एक अन्य स्कूल में हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि बच्चों का भविष्य और देश की शिक्षा व्यवस्था दोनों ही तेजी से बिखरते जा रहे हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, और सरकार को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए।
राजनीतिक कार्यक्रमों का विवाद
सरकारी स्कूल में भाजपा का राजनीतिक कार्यक्रम
इस विवाद के बीच दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित एससीएवी गवर्नमेंट को-एडेड स्कूल में भाजपा द्वारा आयोजित राजनीतिक कार्यक्रम ने और आग में घी डालने का काम किया। आम आदमी पार्टी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह शर्मनाक है कि स्कूल में भाजपा का बैनर लगा और कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक रंग दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि कोई भी राजनीतिक पार्टी किस अधिकार से सरकारी स्कूल का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए कर सकती है?
स्कूलों में राजनीति या शिक्षा?
स्कूलों में राजनीति या शिक्षा?
सौरभ भारद्वाज ने यह भी पूछा कि आखिर बच्चों को ऐसे राजनीतिक आयोजनों में कैसे बुलाया गया? स्कूल का ऑडिटोरियम एक पवित्र स्थान होता है जहां बच्चों को शिक्षा मिलती है, न कि राजनीति की पाठशाला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा स्कूलों को राजनीतिक मंच में बदल रही है, जबकि उनका ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता पर होना चाहिए।
शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल
इन घटनाओं ने देश की शिक्षा व्यवस्था और सरकार की प्राथमिकताओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जब एक के बाद एक सरकारी स्कूलों की छतें गिर रही हों और वहीं दूसरी ओर उन्हीं स्कूलों में राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हों, तो यह स्थिति बेहद चिंताजनक बन जाती है। आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे को आगे भी जनता के सामने उठाती रहेगी और भाजपा को शिक्षा के प्रति उसकी जिम्मेदारी याद दिलाती रहेगी।