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क्या सोनम वांगचुक को बलि का बकरा बनाया जा रहा है? जानें लद्दाख में बढ़ते विवाद के पीछे की सच्चाई

केंद्र सरकार ने लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के NGO SECMOL का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह निर्णय लद्दाख में हालिया हिंसक प्रदर्शनों के बाद लिया गया, जिसमें चार लोगों की जान गई। वांगचुक ने आरोप लगाया है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है और सरकार उनकी गिरफ्तारी की योजना बना रही है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और वांगचुक के जवाब में क्या कहा गया।
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क्या सोनम वांगचुक को बलि का बकरा बनाया जा रहा है? जानें लद्दाख में बढ़ते विवाद के पीछे की सच्चाई

सोनम वांगचुक के NGO का लाइसेंस रद्द

सोनम वांगचुक NGO लाइसेंस रद्द: केंद्र सरकार ने लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित गैर-सरकारी संगठन SECMOL (छात्रों की शैक्षिक और सांस्कृतिक आंदोलन) का विदेशी फंडिंग लाइसेंस FCRA कानून के तहत रद्द कर दिया है। गृह मंत्रालय (MHA) के अनुसार, यह निर्णय एनजीओ द्वारा विदेशी फंडिंग से संबंधित नियमों के बार-बार उल्लंघन के कारण लिया गया है। सरकार का कहना है कि SECMOL ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया, जिसके चलते इसका पंजीकरण रद्द करना आवश्यक हो गया।


लद्दाख में हिंसा के बाद की कार्रवाई

लद्दाख हिंसा के 24 घंटे बाद आया निर्णय
यह कार्रवाई उस समय की गई जब लद्दाख में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें चार लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व सोनम वांगचुक द्वारा किया जा रहा था। सरकार का कहना है कि वांगचुक और कुछ राजनीतिक तत्वों द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया, जिससे स्थिति बिगड़ गई।


वांगचुक का बयान: बलि का बकरा

वांगचुक का जवाब: बलि का बकरा बनाया जा रहा
सरकारी आरोपों का जवाब देते हुए वांगचुक ने कहा कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है और यह कार्रवाई जनभावनाओं को दबाने का प्रयास है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत गिरफ्तार किया गया, तो इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। वांगचुक ने यह भी कहा कि अगर सरकार उन्हें जेल भेजना चाहती है, तो वह इसके लिए तैयार हैं, लेकिन इससे सरकार के लिए और समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


MHA का आरोप और राजनीतिक संदर्भ

MHA का आरोप और राजनीतिक रंग
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि वांगचुक और कुछ राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित लोग, जो सरकार और लद्दाखी प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत से असंतुष्ट हैं, उनकी भड़काऊ टिप्पणियों के कारण भीड़ हिंसक हुई। इस घटनाक्रम को राजनीतिक रंग देने की कोशिशें भी हो रही हैं, क्योंकि लद्दाख की मौजूदा स्थिति और उसमें शामिल आंदोलनों ने अब राष्ट्रीय चर्चा का रूप ले लिया है।