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क्या स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया जगदीप धनखड़ ने? जानें पूरी कहानी

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका यह कदम राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, खासकर संसद के मानसून सत्र के दौरान। इस्तीफे के बाद उनके सरकारी आवास को खाली करने का आदेश दिया गया और कार्यालय सील कर दिया गया। क्या यह केवल स्वास्थ्य कारण हैं या इसके पीछे राजनीतिक दबाव भी है? जानें इस घटनाक्रम के सभी पहलुओं के बारे में।
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क्या स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया जगदीप धनखड़ ने? जानें पूरी कहानी

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में अपने पद से अचानक इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया कि यह कदम उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए उठाया है। उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और डॉक्टरों की सलाह का पालन करने हेतु, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अंतर्गत, तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं.”


धनखड़ का कार्यकाल और इस्तीफे की प्रक्रिया

74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था। उनके अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस्तीफे के दो दिन बाद, उन्हें सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया गया और उनका कार्यालय भी सील कर दिया गया। उनकी सोशल मीडिया टीम को भी भंग कर दिया गया, जिससे यह सवाल उठने लगे कि क्या यह केवल स्वास्थ्य कारणों से संबंधित है या इसके पीछे कुछ और है।


राजनीतिक अटकलें

धनखड़ का इस्तीफा उस समय आया है जब संसद का मानसून सत्र चल रहा है। विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे को लेकर कई सवाल उठाए हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे 'राजनीतिक दबाव का नतीजा' बताया है, यह दर्शाते हुए कि इस्तीफे का समय और प्रक्रिया दोनों ही असामान्य हैं।


धनखड़ का सार्वजनिक जीवन

उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ का कार्यकाल काफी सक्रिय रहा। उन्होंने कई संवैधानिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए, विशेषकर न्यायपालिका और विधायिका के बीच संतुलन को लेकर। उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्य किया और कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा का संचालन किया।


भविष्य की प्रक्रिया

धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया है। संविधान के अनुसार, नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। तब तक राज्यसभा का कार्य संचालन उपसभापति द्वारा किया जाएगा।