क्या है जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे की सच्चाई? जानें पूरी कहानी

संसद में हलचल: उपराष्ट्रपति का अचानक इस्तीफा
संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत में ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य समस्याओं को बताया है, लेकिन विपक्षी दल, विशेषकर कांग्रेस, इस पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनखड़ के इस्तीफे के कुछ घंटों बाद उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि धनखड़ को देश की सेवा के कई अवसर मिले हैं। हालांकि, विपक्ष इसे सामान्य इस्तीफा नहीं मानता और इसके पीछे गहरे कारणों का दावा कर रहा है।
स्वास्थ्य कारणों का हवाला
सोमवार शाम को 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने लिखा कि स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने के लिए वह इस्तीफा दे रहे हैं। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
कार्यकाल से पहले इस्तीफा
धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2022 में शुरू हुआ था और यह अगस्त 2027 तक चलने वाला था। ऐसे में उनका इस्तीफा अप्रत्याशित है और राजनीतिक चर्चाओं को बढ़ावा दे रहा है। मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने की, क्योंकि धनखड़ सत्र में अनुपस्थित रहे।
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने धनखड़ के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह एक अभूतपूर्व कदम है और इसके पीछे कुछ गहरे कारण हो सकते हैं। कांग्रेस ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को धनखड़ को मनाने की कोशिश करनी चाहिए थी।
इस्तीफे से पहले की सक्रियता
धनखड़ के इस्तीफे से कुछ घंटे पहले उन्हें संसद में वरिष्ठ नेताओं से बातचीत करते देखा गया था। विपक्ष का कहना है कि उन्होंने स्वास्थ्य समस्याओं का कोई संकेत नहीं दिया था और न ही इस्तीफे की कोई पूर्व सूचना थी।