क्या है डेरा प्रमुख बाबा ढिल्लों की नाभा जेल यात्रा का असली मतलब?

डेरा प्रमुख की जेल यात्रा
Punjab News: मंगलवार को सुबह लगभग 11 बजे डेरा प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने नाभा जेल का दौरा किया। जेल प्रशासन द्वारा औपचारिक जांच के बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई। यह मुलाकात करीब 35 मिनट तक चली, लेकिन दोनों के बीच बातचीत का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया। बाहर खड़े समर्थकों ने बाबा ढिल्लों की झलक पाने की कोशिश की।
परिवारिक संबंधों का महत्व
रिश्तेदारी का जुड़ाव
जेल प्रशासन ने इस मुलाकात को पारिवारिक दायरे में रखा। जानकारी के अनुसार, मजीठिया की पत्नी गनीव कौर का संबंध डेरा प्रमुख के परिवार से है। इसी रिश्ते के कारण बाबा ढिल्लों का नाम मजीठिया की मुलाकात की सूची में शामिल किया गया। हालांकि, इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलकों में कई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सुरक्षा रही चाक-चौबंद
बाबा ढिल्लों के आगमन से पहले ही जेल और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया था। पुलिस ने नाभा शहर के विभिन्न हिस्सों में नाकेबंदी की थी। मुलाकात के बाद, बाबा ढिल्लों ने जेल से बाहर निकलते समय संगत से संक्षिप्त बातचीत की और फिर सीधे नाभा के हीरा महल की ओर रवाना हो गए।
मजीठिया पर गंभीर आरोप
मजीठिया पर गंभीर आरोप
अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया इस समय आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने लगभग 540 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बनाई और उसे वैध दिखाने के लिए शेल कंपनियों और विदेशी लेन-देन का सहारा लिया। विजिलेंस ब्यूरो ने उन्हें 25 जून को गिरफ्तार किया था।
चार्जशीट की गंभीरता
40 हजार पन्नों की चार्जशीट
विजिलेंस ने अदालत में 40,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट पेश की है, जिसमें 200 गवाहों के बयान और 400 से अधिक बैंक खातों की जांच शामिल है। छापेमारी के दौरान मजीठिया के घर से 29 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप, 2 iPad और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए।
परिवार की मुलाकातें
परिवार करता रहा मुलाकातें
गिरफ्तारी के बाद से मजीठिया के परिवार के सदस्य उनसे समय-समय पर मिलते रहे हैं। हाल ही में उनकी पत्नी गनीव कौर और बहन सांसद हरसिमरत कौर बादल भी जेल पहुंची थीं। राखी के अवसर पर हरसिमरत कौर ने जेल में अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी थी।
धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण
धार्मिक और राजनीतिक संदेश
डेरा प्रमुख की जेल यात्रा को केवल पारिवारिक मुलाकात के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन राजनीतिक दृष्टिकोण से इसे अलग नजरिए से देखा जा रहा है। धर्म और राजनीति का यह संगम पंजाब की सियासत में कई नए सवाल खड़े कर रहा है। मुलाकात शांतिपूर्ण रही और बिना किसी सार्वजनिक बयान के बाबा ढिल्लों वहां से रवाना हो गए।