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खटकड़ टोल पर कर्मचारियों का धरना: वेतन और पीएफ की मांग

उचाना के खटकड़ टोल प्लाजा के कर्मचारी दो महीने से वेतन और सात महीने से पीएफ न मिलने के कारण धरने पर बैठे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो वे टोल को फ्री करवा देंगे। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है और कर्मचारियों की क्या मांगें हैं।
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खटकड़ टोल पर कर्मचारियों का धरना: वेतन और पीएफ की मांग

खटकड़ टोल पर धरने का कारण


  • खटकड़ टोल पर धरने पर बैठे कर्मचारी
  • समाधान नहीं किया तो टोल फ्री करने की चेतावनी


(जींद) - उचाना के खटकड़ टोल प्लाजा के कर्मचारी बुधवार से धरने पर बैठे हैं। उनका आरोप है कि उन्हें पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है और सात महीने से उनके पीएफ में कोई राशि नहीं डाली गई है। इस कारण कर्मचारियों में गहरा रोष है। धरना दे रहे कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि गुरुवार तक उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो वे टोल को फ्री करवा देंगे और अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।


टोल प्लाजा की स्थिति

हालांकि, टोल प्लाजा अभी भी सामान्य रूप से कार्य कर रहा है। धरना दे रहे कर्मचारियों में सोमबीर, प्रदीप, अशोक आदि ने बताया कि खटकड़ के पास दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर यह टोल प्लाजा स्थापित किया गया है। इस टोल का टेंडर एसडीएम कंपनी द्वारा लिया गया है, जिसमें स्थानीय स्टाफ को ठेकेदारी के तहत नियुक्त किया गया है।


कर्मचारियों की वेतन समस्या


ठेकेदारी के तहत काम कर रहे 35 से अधिक कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा, उनके पीएफ खातों में भी कोई राशि नहीं डाली जा रही है। कर्मचारियों ने कहा कि वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन समय पर वेतन न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


जब वे टोल मैनेजर से इस मुद्दे पर बात करते हैं, तो उन्हें केवल झूठे आश्वासन मिलते हैं। नेशनल हाईवे अथारिटी द्वारा न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन ठेकेदारी के तहत उन्हें केवल 10,000 से 12,000 रुपये ही मिल रहे हैं। कर्मचारियों ने मांग की है कि उनकी वेतन राशि समय पर उनके खातों में डाली जाए और उन्हें ठेकेदारी के बजाय कंपनी के स्थायी कर्मचारियों के रूप में नियुक्त किया जाए।