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गणेश चतुर्थी: श्रद्धालुओं ने घरों में स्थापित किए भगवान गणेश

गणेश चतुर्थी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश की मूर्तियों को अपने घरों में स्थापित किया। इस पर्व के दौरान भक्तगण भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते हैं, जो सुख, समृद्धि और बुद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। अगले 10 दिनों तक पंडालों में उनकी पूजा की जाएगी। जानें इस पर्व की विशेषताएँ और पूजा विधि के बारे में।
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गणेश चतुर्थी: श्रद्धालुओं ने घरों में स्थापित किए भगवान गणेश

गणेश चतुर्थी का पर्व


  • जिला में भव्य गणेश पंडालों की सजावट


गणेश चतुर्थी की जानकारी: जींद। बुधवार को श्रद्धालुओं ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की मूर्तियों को अपने घरों में स्थापित किया। समाजसेवी संस्थाओं ने भी पंडालों में भगवान गणपति की मूर्तियाँ स्थापित कीं। भक्तों ने भगवान गणेश की पूजा अर्चना की, और अगले 10 दिनों तक पंडालों में उनकी पूजा की जाएगी। स्कीम नंबर 19 में दंत चिकित्सक डॉ. विवेक सिंगला ने अपने घर पर भगवान गणेश की स्थापना की।


सुख, समृद्धि और बुद्धि का प्रतीक

भक्त गणेश जी को दस दिनों के लिए अपने घर लाते हैं और श्रद्धा से उनकी पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में मान्यता है कि जब गणेश जी घर आते हैं, तो वे सुख, समृद्धि, बुद्धि और खुशी लेकर आते हैं। जब वे विदा होते हैं, तो सभी बाधाएं और परेशानियाँ भी अपने साथ ले जाते हैं। जिले में गणेश महोत्सव के लिए भव्य पंडाल सजाए गए हैं।


बुधवार को गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की गई और पूजा कार्यक्रम आयोजित किए गए। रात में सभी पंडालों में स्थानीय और बाहर से आए कलाकारों ने भक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए।


गणेश विसर्जन की तैयारी

श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर सुखद भविष्य की कामना की। मुख्य बाजार में भी भगवान गणेश की पूजा के लिए पंडाल सजाया गया है। ठीक दस दिन बाद गणेश विसर्जन किया जाएगा। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि भगवान गणेश जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं और खुशियों से भर देते हैं।


भारत में कोई भी नया कार्य शुरू करने से पहले लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं। वे बच्चों के लिए सबसे प्रिय भगवान माने जाते हैं। लोग मानते हैं कि गणेश जी हर साल खुशी और समृद्धि लेकर आते हैं और जाते समय सभी दुखों को दूर कर देते हैं।