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गाजा पट्टी में संघर्ष के दौरान 48 फलस्तीनी मारे गए, अमेरिकी राजदूत वार्ता के लिए इजराइल पहुंचे

गाजा पट्टी में खाद्य सामग्री की प्रतीक्षा कर रहे 48 फलस्तीनी नागरिकों की गोलीबारी में मौत हो गई है। यह घटना उस समय हुई जब अमेरिकी राजदूत इजराइल में संघर्ष समाप्त करने के लिए वार्ता कर रहे हैं। इजराइली सेना ने नागरिकों की मौत के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण ने भूख संकट की गंभीरता को रेखांकित किया है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और अमेरिकी दूत के प्रयासों के बारे में।
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गाजा पट्टी में संघर्ष के दौरान 48 फलस्तीनी मारे गए, अमेरिकी राजदूत वार्ता के लिए इजराइल पहुंचे

गाजा पट्टी में हुई गोलीबारी

गाजा पट्टी में खाद्य सामग्री की प्रतीक्षा कर रहे 48 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। यह जानकारी एक अस्पताल ने दी है। यह घटना उस समय हुई जब अमेरिकी राजदूत इजराइल में संघर्ष समाप्त करने के लिए वार्ता करने पहुंचे हैं।


घटना का विवरण

गाजा शहर के शिफा अस्पताल के अनुसार, ये लोग ज़िकिम क्रॉसिंग पर मौजूद भीड़ का हिस्सा थे, जहां से उत्तरी गाजा में मानवीय सहायता भेजी जाती है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गोलीबारी किसने की, और इजराइल की सेना, जो क्रॉसिंग पर नियंत्रण रखती है, ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।


इजराइली सेना का बयान

इजराइली सेना का कहना है कि उनका निशाना केवल चरमपंथियों पर है और नागरिकों की मौत के लिए वे हमास को जिम्मेदार ठहराते हैं, क्योंकि इस समूह के सदस्य घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सक्रिय हैं।


भुखमरी की स्थिति

अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण के अनुसार, इजराइल की सैन्य कार्रवाई और नाकेबंदी के कारण लगभग 20 लाख फलस्तीनियों के सामने अकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।


अमेरिकी दूत का प्रयास

अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ, जो लगभग 22 महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने और 7 अक्टूबर को हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के लिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं।