Newzfatafatlogo

गाजा में इजरायली कैदियों की तस्वीरें: हमास का नेतन्याहू पर सीधा हमला

हमास की क़स्साम ब्रिगेड ने गाजा में बंदी बनाए गए इज़रायली कैदियों की तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें 48 कैदियों के चेहरे दिखाए गए हैं। हर कैदी को रॉन अराद का नाम दिया गया है, जो 1986 में लापता हुए इजरायली वायुसेना के अधिकारी हैं। इस तस्वीर के माध्यम से हमास ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर सीधा हमला किया है। गाजा में जारी भीषण लड़ाई और बंधियों की सुरक्षा पर खतरे के बीच, इजरायल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी हो रही है। जानें इस संघर्ष की पूरी कहानी।
 | 
गाजा में इजरायली कैदियों की तस्वीरें: हमास का नेतन्याहू पर सीधा हमला

हमास की नई तस्वीरें

हमास की सशस्त्र शाखा क़स्साम ब्रिगेड ने गाजा में बंदी बनाए गए कई इज़रायली कैदियों की तस्वीरें जारी की हैं। शनिवार को साझा की गई इस तस्वीर में 48 कैदियों के चेहरे दिखाई दे रहे हैं, जिनमें जीवित और मृत दोनों शामिल हैं। हर कैदी को रॉन अराद का नाम दिया गया है, जो 1986 में लापता हुए इजरायली वायुसेना के अधिकारी हैं। अराद का रहस्य आज भी इजरायल की सैन्य और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है.


नेतन्याहू और इजरायली सेना पर हमास का आरोप

हमास ने इस तस्वीर के माध्यम से इजरायली नेतृत्व को एक स्पष्ट संदेश भेजा है। संगठन ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सेना प्रमुख इयाल जमीर पर आरोप लगाते हुए कहा कि नेतन्याहू की जिद और जमीर की अधीनता ने गाजा में इस संघर्ष को जन्म दिया है। यह बयान दर्शाता है कि हमास इस संघर्ष को नेतन्याहू सरकार की नीतियों से जोड़कर प्रचारित करना चाहता है.



गाजा में लड़ाई का हाल

तस्वीर जारी होने से पहले गाजा शहर में कई दिनों से भीषण लड़ाई चल रही थी। इजरायली सेना का दावा है कि उसने भूमिगत सुरंगों और बम से भरी इमारतों को नष्ट किया है। वहीं, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार हालिया हमलों में कम से कम 60 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.


बंदियों की सुरक्षा पर खतरा

हमास का कहना है कि कैदी गाजा के विभिन्न हिस्सों में रखे गए हैं और इजरायली बमबारी उनके जीवन को खतरे में डाल रही है। इससे पहले भी संगठन ने बंधकों के वीडियो जारी किए थे, जिनमें उनकी बिगड़ती सेहत और भयावह परिस्थितियों को दिखाया गया था. एक वीडियो में तो एक कैदी को अपनी कब्र खोदते हुए भी दिखाया गया था, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा.


इजरायल में विरोध प्रदर्शन की तैयारी

यह तस्वीर ऐसे समय में जारी हुई है जब तेल अवीव समेत इज़रायल के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी हो रही थी। परिजनों और नागरिकों का दबाव है कि सरकार युद्धविराम और समझौते के माध्यम से बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करे.


गाजा पर इजरायल के हमले तेज

शनिवार को इजरायली सेना ने गाज़ा शहर और पूरी पट्टी पर हमले तेज कर दिए। सेना ने भूमिगत ठिकानों और बारूदी सुरंगों को निशाना बनाया, जिसके चलते गाज़ा में कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और मौत का आंकड़ा बढ़ता चला गया। पिछले दो हफ्तों में कम से कम 20 टावर ब्लॉक ध्वस्त होने का अनुमान है.


अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता

तनाव उस समय बढ़ रहा है जब ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्रिटेन और कनाडा समेत 10 देश फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता देने की तैयारी कर रहे हैं। यह औपचारिक घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले सोमवार को की जानी है, जो इजरायल पर और दबाव डाल सकता है.


गाजा शहर से पलायन

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सितंबर की शुरुआत से अब तक 5,00,000 से अधिक लोग गाज़ा शहर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। हालांकि, हमास इन आंकड़ों को नकारता है और दावा करता है कि इजरायली हमले स्थिति को और भयावह दिखाने के लिए प्रचारित किए जा रहे हैं.