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गाजा में इजरायली हवाई हमले में पत्रकारों की मौत, अल जज़ीरा ने उठाए सवाल

गाजा में इजरायली हवाई हमले में अल जज़ीरा के पांच पत्रकारों की मौत हो गई, जिसमें 28 वर्षीय अनस अल शरीफ़ भी शामिल थे। इजराइली सेना ने उन्हें हमास का नेता बताया, जबकि अल जज़ीरा ने इसे निराधार करार दिया। पत्रकारों की सुरक्षा समिति ने इजराइल के इस तरीके पर सवाल उठाए हैं। अल शरीफ़ ने अपनी मृत्यु से पहले एक संदेश छोड़ा था, जिसमें उन्होंने सच को बताने की बात की थी। इस हमले के बाद से पत्रकारों की मौत की संख्या बढ़कर 237 हो गई है।
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गाजा में इजरायली हवाई हमले में पत्रकारों की मौत, अल जज़ीरा ने उठाए सवाल

गाजा में पत्रकारों की हत्या पर विवाद

पूर्वी गाजा के अल-शिफा अस्पताल के बाहर एक तंबू पर इजरायली हवाई हमले में अल जज़ीरा के पांच पत्रकारों सहित 28 वर्षीय अनस अल शरीफ़ की भी जान चली गई। इजरायली सेना ने दावा किया है कि अल शरीफ़ एक हमास सेल का नेता था, जो इजरायली नागरिकों और सैनिकों पर रॉकेट हमलों को बढ़ावा देने में संलग्न था। हालांकि, अल जज़ीरा ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अनस और उनके साथी गाजा में उन अंतिम आवाजों में से थे, जो दुनिया को वहां की दुखद स्थिति से अवगत करा रहे थे। अल शरीफ ने अपनी मौत से कुछ मिनट पहले गाजा में हो रही भीषण बमबारी के बारे में अपडेट साझा किया था, उनके एक्स अकाउंट पर 500,000 से अधिक फॉलोअर्स थे।


इजराइल के आरोपों पर प्रतिक्रिया

अल जज़ीरा ने इजराइल के आरोपों को निराधार बताते हुए इस हमले को गाजा में आवाज़ों को दबाने की एक हताश कोशिश करार दिया। पत्रकारों की सुरक्षा समिति (सीपीजे) ने कहा कि इजराइल बिना किसी ठोस सबूत के पत्रकारों को आतंकवादी करार देने की प्रवृत्ति रखता है। संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत इरीन खान ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अल शरीफ़ की रिपोर्टिंग के कारण उनकी जान को खतरा हो सकता है। सीपीजे की मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका की निदेशक सारा क़ुदा ने कहा कि इजराइल का यह तरीका प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति गंभीर सवाल खड़े करता है।


अल शरीफ़ का अंतिम संदेश

अल शरीफ़ ने अपनी मृत्यु की स्थिति में एक सोशल मीडिया संदेश छोड़ा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि "उन्होंने सच को बिना किसी तोड़-मरोड़ के बताने में कभी संकोच नहीं किया।" 7 अक्टूबर, 2023 को युद्ध शुरू होने के बाद से 237 पत्रकारों की मौत हो चुकी है, जबकि सीपीजे ने इस संख्या को कम से कम 186 बताया है। हमास ने कहा कि पत्रकारों की हत्या एक बड़े इजरायली हमले की प्रस्तावना है।