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गिलगित-बाल्टिस्तान में व्यापारियों का बड़ा विरोध: क्या है कारण?

गिलगित-बाल्टिस्तान के हजारों निवासियों ने पाकिस्तान सरकार की व्यापार नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जबकि आतंकवादियों से बातचीत कर रही है। सोस्त ड्राई पोर्ट के बंद होने से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। वे 'वन-टाइम एमनेस्टी' की मांग कर रहे हैं ताकि अटके माल को बिना जुर्माने के छुड़ाया जा सके। इस विरोध में हजारों लोग शामिल हुए हैं, और पूर्व विधायक ने भी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। जानें इस विरोध के पीछे की पूरी कहानी।
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गिलगित-बाल्टिस्तान में व्यापारियों का बड़ा विरोध: क्या है कारण?

गिलगित-बाल्टिस्तान में व्यापारियों का विरोध

गिलगित-बाल्टिस्तान के हजारों निवासियों ने पाकिस्तान सरकार की 'शोषणकारी' व्यापार नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चीन-पाकिस्तान को जोड़ने वाले काराकोरम हाईवे को तीन दिनों से पूरी तरह बंद कर दिया है। विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार आतंकवादियों से तो बातचीत कर रही है, लेकिन व्यापारियों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है.


शोषण और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज़

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में लगातार हो रहे शोषण और बेरोजगारी से तंग आ चुके लोग अब खुलकर इस्लामाबाद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी व्यापारियों ने चीन से आने वाले सामान की कस्टम क्लियरेंस में देरी को लेकर गुस्सा जाहिर किया है, जिससे उनका करोड़ों का नुकसान हो चुका है.


सोस्त ड्राई पोर्ट की स्थिति

बंद पड़ा सोस्त ड्राई पोर्ट और 257 अटकी हुई खेपें

सोस्त ड्राई पोर्ट पिछले छह महीनों से बंद पड़ा है, जिससे कम से कम 257 खेपें चीन से मंगाई गई वस्तुओं की अटकी हुई हैं। व्यापारियों का कहना है कि बंदरगाह शुल्क और खराब हो चुके सामानों के कारण उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हुआ है.


सरकार से राहत की मांग

'वन-टाइम एमनेस्टी' की मांग

व्यापारियों ने सरकार से तत्काल एक बार की राहत योजना (One-Time Amnesty) की मांग की है, ताकि अटके माल को बिना अतिरिक्त जुर्माने के छुड़ाया जा सके.


धरने में शामिल हजारों लोग

हजारों की भीड़, हाइवे पर जमी

गुलमत नगर (गिलगित-बाल्टिस्तान) में आयोजित धरने में हुनजा, गिलगित और आस-पास के शहरों से आए व्यापारी, छात्र, समाजसेवी और आम नागरिक शामिल हुए.


भेदभाव का आरोप

इस्लामाबाद पर फिर लगा भेदभाव का आरोप

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि गिलगित-बाल्टिस्तान को संसद में प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण बार-बार शोषण झेलना पड़ता है.


आर्थिक नुकसान का आरोप

'आर्थिक हत्या' का आरोप

व्यापारियों ने कहा कि एफबीआर और कस्टम विभाग की नीतियों ने गिलगित-बाल्टिस्तान के व्यापारियों, होटल मालिकों, मजदूरों, ड्राइवरों और छोटे व्यापारियों की 'आर्थिक हत्या' कर दी है. पीएमएल(एन) नेता ने खुद सरकार पर उठाए सवाल।


पूर्व विधायक की टिप्पणी

'हमसे संसद का हक छीना गया': पूर्व विधायक

पूर्व विधायक जावेद हुसैन ने कहा कि GB के लोग टैक्स दे रहे हैं, फिर भी उन्हें व्यापार करने की इजाजत नहीं. यह दोहरा मापदंड नहीं तो और क्या है?


पीटीआई नेताओं की कोशिश

प्रदर्शन में पीटीआई नेताओं की भी मौजूदगी

पीटीआई के कई स्थानीय नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर प्रदर्शन खत्म कराने की कोशिश की, लेकिन विरोध में जुटी भीड़ ने साफ कहा कि मांगें पूरी होने तक हाईवे नहीं खुलेगा.


सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने मांगों को 'वाजिब' माना

गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक मुहम्मद अली कैद ने कहा कि ये सभी मांगें जायज हैं, लेकिन हमारा क्षेत्रीय प्रशासन इन्हें हल करने के लिए अधिकृत नहीं है। यह पूरी तरह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.


विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला

हालिया विरोध प्रदर्शनों की एक कड़ी

यह प्रदर्शन उस श्रृंखला की अगली कड़ी है जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग बार-बार इस्लामाबाद सरकार के शोषण, बिजली कटौती, जमीन हड़पने और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं.