गुजरात में वोटर लिस्ट में गंभीर विसंगतियां: 17 लाख मृत मतदाता शामिल
गुजरात में वोटर लिस्ट की जांच में चौंकाने वाले तथ्य
अहमदाबाद: बिहार के समान, गुजरात में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। राज्य चुनाव आयोग की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि गुजरात की मौजूदा मतदाता सूची में गंभीर विसंगतियां मौजूद हैं। आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की वोटर लिस्ट में 17 लाख से अधिक ऐसे व्यक्तियों के नाम शामिल हैं, जिनका निधन हो चुका है।
यह जानकारी तब सामने आई जब बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) ने घर-घर जाकर सत्यापन प्रक्रिया शुरू की। केवल मृत मतदाताओं का ही नहीं, बल्कि 30 लाख से अधिक ऐसे मतदाताओं की पहचान भी की गई है, जो अपने मूल स्थान से स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं, लेकिन उनका नाम अभी भी पुरानी सूची में दर्ज है। इसके अतिरिक्त, 6.14 लाख से अधिक मतदाता अपने पते पर नहीं मिले, जबकि 3.25 लाख से ज्यादा लोग ऐसे पाए गए जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं, यानी वे 'रिपीटेड' श्रेणी में आते हैं।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) के कार्यालय ने बताया कि चुनावी सूची को सही करने के लिए 4 नवंबर से एसआईआर प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो 11 दिसंबर तक चलेगी। पिछले एक महीने में BLOs ने 2025 की वोटर लिस्ट में शामिल 5 करोड़ से अधिक मतदाताओं को एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित किए हैं। राज्य के 33 में से अधिकांश जिलों में फॉर्म वितरण का कार्य पूरा हो चुका है और अब भरे हुए फॉर्म्स का डिजिटाइजेशन तेजी से जारी है।
अब तक 182 में से 12 विधानसभा सीटों पर यह कार्य पूरा किया जा चुका है, जिनमें बनासकांठा, दाहोद, राजकोट और जूनागढ़ जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। इस प्रक्रिया में डांग जिला सबसे आगे है, जहां 94.35 प्रतिशत डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। आयोग का उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले एक पारदर्शी और सटीक मतदाता सूची तैयार करना है।
