गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत का अद्वितीय बलिदान
विशाल लंगर का आयोजन
- विजय बंसल ने कहा छोटे साहिबजादों के संस्कार के लिए दीवान टोडरमल ने सबसे महंगी जमीन खरीद कर उदाहरण पेश किया
- एचएमटी पिंजौर में 10वीं पातशाही श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे की शहादत को समर्पित विशाल लंगर का आयोजन
Panchkula News पिंजौर। स्थानीय एचएमटी मेन गेट पर नगर परिषद की पार्षद मनिंदर कौर, संदीप खोखर एवं एचएमटी, सिख संगत और आसपास के लोगों द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10वीं पातशाही श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत को समर्पित विशाल लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री विजय बंसल एडवोकेट विशेष रूप से उपस्थित हुए। उन्होंने छोटे साहिबजादों की शहादत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और दिवान टोडरमल द्वारा छोटे साहिबजादों के संस्कार के लिए महंगी जमीन खरीदने पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी।
दीवान टोडरमल का योगदान
बंसल ने बताया कि नवाब वजीर खान साहिबजादों का संस्कार नहीं होने दे रहा था, इसलिए दीवान टोडरमल ने महंगी जमीन खरीदी थी, जो एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस अवसर पर विजय बंसल के साथ पूर्व पार्षद कालका संजय बंसल, एसके गुप्ता, राजेश गुप्ता एडवोकेट, पूर्व प्रधान अग्रवाल सभा पिंजौर, पंचकूला से भगवानदास मित्तल, बिमल राय, केके सिंगला, सीताराम कपूर, अनिल कपूर और अन्य लोग भी उपस्थित थे।
विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे, बाबा जोरावर सिंह (लगभग 9 वर्ष) और बाबा फतेह सिंह (लगभग 7 वर्ष), धर्म और सत्य की रक्षा के लिए 26 दिसंबर, 1705 को सरहिंद के नवाब वज़ीर खान के आदेश पर दीवार में चुनवाकर शहीद कर दिए गए थे। उन्होंने इस्लाम कबूल करने से इनकार किया था। उनकी शहादत ने अत्याचार के खिलाफ दृढ़ता और नैतिक साहस का एक अमर उदाहरण प्रस्तुत किया, जिससे मुगल साम्राज्य के पतन की नींव पड़ी और यह इतिहास में अद्वितीय बलिदान के रूप में दर्ज है।
लंगर का आयोजन
इस अवसर पर नेशनल हाईवे पर आने-जाने वाले राहगीरों और आसपास के हजारों लोगों ने लंगर का आनंद लिया। क्षेत्र की विभिन्न संस्थाओं ने इस लंगर में अपना सहयोग दिया। हर वर्ष की तरह अग्रवाल समाज के लोगों ने इस बार भी सहयोग प्रदान किया।
