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गुरु तेग बहादर जी का शहीदी दिवस मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाने की मांग

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सिख संतों के साथ बैठक में गुरु तेग बहादर जी के शहीदी दिवस को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे धार्मिक सहिष्णुता और भाईचारे को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, गुरु जी के दिल्ली जाने के मार्ग को विकसित करने और बाबा जीवन सिंह मार्ग का नामकरण करने की योजना भी साझा की। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या कहा गया।
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गुरु तेग बहादर जी का शहीदी दिवस मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाने की मांग

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सिख संतों के साथ बैठक


पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सिख समुदाय के प्रमुख व्यक्तियों के साथ एक बैठक में कहा कि श्री गुरु तेग बहादर जी का शहीदी दिवस को राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। उनका मानना है कि इससे देश में धार्मिक सहिष्णुता और भाईचारे को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया।


गुरु साहिब जी के योगदान की सराहना

मुख्यमंत्री ने कहा कि 9वें गुरु ने समानता और धर्मनिरपेक्षता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उनका शहीदी दिवस मनाने से न केवल गुरु जी को श्रद्धांजलि दी जाएगी, बल्कि यह समाज में आपसी भाईचारे को भी मजबूत करेगा।


गुरु साहिब के मार्ग का विकास

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार गुरु साहिब जी के दिल्ली जाने के मार्ग को 'श्री गुरु तेग बहादर मार्ग' के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। यह मार्ग गुरु जी के प्रति श्रद्धा का प्रतीक होगा और इसे दिल्ली में गुरुद्वारा शीश गंज साहिब तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार से सहायता मांगी जाएगी।


बाबा जीवन सिंह मार्ग का विकास

मुख्यमंत्री ने बताया कि जिस मार्ग से बाबा जीवन सिंह ने गुरु जी का पवित्र शीश लाया था, उसे विकसित करके 'बाबा जीवन सिंह मार्ग' के नाम पर रखा जाएगा। यह मार्ग सिख इतिहास में महत्वपूर्ण है और इसे बनाने के लिए संबंधित राज्यों और भारत सरकार से अनुरोध किया जाएगा।